लैंसडाउन वन प्रभाग से हटाए गए डीएफओ दीपक सिंह की चिट्ठी ने वन विभाग समेत उत्तराखंड की राजनीति में सनसनी फैला दी है।
एक बार फिर हरक सिंह रावत चर्चाओं में आ गए हैं।डीएफओ दीपक सिंह ने चिट्ठी में खुद को हटाए जाने के पीछे वजह कई राजनीतिक दबाव और धमकियां मिलने की बात लिखी है। इससे हरक सिंह रावत फिर सवालों के घेरे में हैं।
लैंसडाउन वन प्रभाग से वन मंत्री हरक सिंह रावत ने तत्कालीन डीएफओ दीपक सिंह को अवैध खनन कराने के आऱोप में वन मुख्यालय अटैच कर दिया था। जिसके चलते दीपक सिंह ने वन मंत्री के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया।दीपक सिंह ने खुद को हटाया जाने को गलत बताया।
चिट्ठी में दीपक सिंह ने मंत्री हरक सिंह का नाम लिखे बिना चिट्ठी में साफ किया है कि उन्हें राजनीतिक दबाव और धमकियां मिल रही थी। उन्होंने यह भी कहा कि क्षेत्र में कुछ दूसरे काम रोकने के चलते भी उन्हें निशाना बनाया गया है। चिट्ठी में लिखा है कि उनके खिलाफ ना तो कोई जांच में तथ्य सामने आए हैं और ना ही कोई गंभीर बात कही गई है।
इसके बावजूद भी उन्हें बिना तथ्यों के ही डीएफओ पद से हटाने के आदेश कर दिए गए। डीएफओ ने अवैध खनन होने की बात भी स्वीकारी है और जांच टीम ने इसकी पुष्टि की है। DFO की चिट्ठी से हड़कंप मच गया है।