बड़ी खबर : नेताओं की नेतगीरी की भेंट चढ़ा गांव। बलपूर्वक जेसीबी से कराया खाली।

महत्वकांक्षी व्यासी जल विद्युत परियोजना के डूब क्षेत्र में आ रहे ग्राम लोहारी की स्थिति आज की दशा में यह है कि प्रशासन ने उक्त गांव में बलपूर्वक जेसीबी की मदद से कार्यवाही करते हुए गांव को खाली करवा लिया है l

140 मेगावाट की इस विद्युत परियोजना के डूब क्षेत्र में लोहारी गांव आ रहा है और इस गांव के निवासी बहुत लंबे समय से जमीन के बदले जमीन की मांग को लेकर आंदोलनरत रहे l

 बताया जाता है कि उक्त ग्रामीण मात्र मुआवजे पर सहमत नहीं हो रहे थे और जमीन के बदले जमीन की मांग कर रहे थे और इसके लिए रेशम बाग विकास नगर में जमीन की मांग की जा रही थी l

चुनाव से कुछ महीने पूर्व स्थानीय विधायक प्रीतम सिंह ग्रामीणों के समर्थन में आंदोलन कर रहे थे और उन्होंने लोहारी कुछ भी किया था तो भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने उनको बाड़वाला में गिरफ्तार भी किया था और इस आंदोलन की काफी चर्चा भी हुई और प्रीतम सिंह को काफी मशहूरी भी मिली l 

प्रीतम सिंह के आंदोलन में खुलकर सामने आने के बाद क्षेत्रवासियों को एक आशा जगी थी क्योंकि प्रीतम सिंह अपने आप में उत्तराखंड की राजनीति में एक बड़ा चेहरा है और साथ ही उनकी पकड़ दिल्ली तक बताई जाती है l 

इसी विधानसभा चुनाव में प्रीतम सिंह एक बहुत बड़े अंतर से चुनाव जीते क्षेत्रवासियों में उम्मीद जगी थी कि यह तब से उनकी समस्या का समाधान कराएंगे और उनकी मांग को पूरा भी कराएंगे l लेकिन इसके बावजूद उनके हाथ खाली ही रहे l

जौनसार के क्षेत्र के ‌लाचार नेताओं की ‌बजह से ‌लोहारी गांव का विस्थापन न ‌हो सका ‌l राजनैतिक रोटियां सेंकने के ‌लिए लोहारी नेता समय ‌समय पर ‌आते जाते रहे ‌। लेकिन समाधान लोहारी जाकर ‌ना‌ होना‌ है ना हो सकता था , चुनाव से ‌पहले धरना कांग्रेस विधायक चकराता द्वारा देने ‌से लग ‌रहा था ‌कि कोई ‌समाधान निकल ‌आयेगा और चुनाव बाद ‌लोहारी गांव के विस्थापन की समस्या का हल ‌होगा। लेकिन विधायक जी कोई पावर ही नहीं होती ये ‌गुत्थी समझ से ‌परे हो ‌गयी l

लाचार ‌विधायक चकराता जनजाति से विधानसभा में पहुंच तो जाते ‌है लेकिन विधायक जी का क्या काम ‌है कोई समझायेगा?

  • ना स्कूलों में अध्यापक समय पर ‌रहते हैं,  जौनसार के लोग बच्चे पढ़ाने के लिए विकासनगर पलायन ‌कर दिन ‌प्रतिदिन आ रहें हैं l
  • ना जौनसार बावर में डाक्टर रहते है, वो ‌भी विकासनगर चले ‌आते है। ना कोई रोजगार के ‌साधन हैं।

आखिर विधायक के क्या काम ‌होते है ‌समझ नही ‌आया।

ठेकेदार लोग ‌कहते है कि मेरा ‌टेंडर फंला विधायक ने मेनेज कराया।तो क्या ठेके दिलाने के ‌लिए ही ‌विधायक जी ‌होते है।

शिक्षा , स्वास्थ्य, रोजगार, या लोहारी गांव ‌वालों की ‌जैसे की ‌समस्या के समाधान के लिए  , ये ‌कौन‌ लोग सही करवातें है?

इस काम ‌के लिए कौन ‌से नेता होंगें?

जौनसार के ‌लोगों के ‌मुहं से ‌अक्सर सुनने को ‌मिलता है कि कांग्रेस के ‌विधायक की ‌पकड़ तो दिल्ली तक ‌है‌ बडा अच्छा ‌लगता है सुनने में ।

भाजपा विधायक जी  विकासनगर के ‌बारे में तो बहुत लोग कहते सुनाई पड़ते है कि तेज ‌तरार विधायक को पूरे उत्तराखंड में कौन ‌नहीं जानता। साहब को मुख्यमंत्री जी भी सीधे फोन करते ‌हैं कि ‌फला काम कैसे होगा।

इतने ‌दिग्गज,एक मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष पूर्व मंत्री ओर दुसरे टिहरी लोकसभा से एमपी के दावेदार!

  ओर जब ‌लोहारी गांव के ‌विस्थापन करने ‌की बात आई ‌तो दोनो ‌के अस्त्र शस्त्र ज्ञान जानकारी धरी ‌के धरी रह गई।

   आखिर लोहारी गांव की दुखद घडी में राजनीति करने ‌वाले बाज ‌ना आ रहे ‌है।

 लोहारी गांव के लोगों को आखिर वेघर होना है नेताओं ने अपनी राजनीतिक रोटयां सेक ली ‌ है।

अब समय आ गया गांव को ‌खाली करने ‌का ,जरा देर से ‌सही।।

नगण्य नेतागिरी के भेट चढ़ा गांव ‌का विस्थापन।।

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