उत्तराखंड सरकार लगातार रोजगार की बात करती है लेकिन रोजगार देने में सरकार की नाकामी आंकड़ों से साफ नजर आती हैl
उत्तराखंड में लगातार बेरोजगार धरना प्रदर्शन और सड़कों पर रैली निकालते नजर आते हैंl बेरोजगार नौकरी की मांगों को लेकर ऐसा करते हैंl लेकिन सरकार फिर भी रोजगार देने में नाकाम नजर आ रही हैl
उत्तराखंड में UKSSSC और UKPSC दो सेवा चयन आयोग है, अगर सरकार चाहे तो उत्तराखंड बेरोजगारों को अच्छी खासी नौकरी दे सकती है लेकिन नौकरी देना तो दूर की बात जो युवा पेपर कलियर भी कर लेते हैं उनकी भी भर्तियां अधर में लटक जाती हैl
उत्तराखंड सेवायोजन विभाग में रजिस्टर्ड बेरोजगारों की संख्या 8,68,641 हैl और यह वह संख्या है जो उत्तराखंड सेवायोजन विभाग में रजिस्टर्ड है अगर क्यों युवा ऐसे हैं जिन्होंने सेवायोजन विभाग में रजिस्टर्ड ही नहीं कराया उनकी संख्या को लगा लें तो यह बहुत ऊपर जाएगीl
अगर साल 2022 की बात करें तो उत्तराखंड राज्य के दोनों चयन सेवा आयोग ने बीते साल मात्र 3000 लोगों को ही सरकारी नौकरी दीl यानी अगर बेरोजगारों के साथ इनका प्रतिशत देखें तो बहुत ही कम रहेगाl उत्तराखंड में बेरोजगारों को सरकारी नौकरियां ना मिलने का कारण उत्तराखंड में हो रहे भर्ती घोटाले भी एक बड़ी वजह हैl
उत्तराखंड की सरकारी भर्तियों में हो रही धांधली से उत्तराखंड के युवाओं का भविष्य अंधेरे में चला गया हैl
साथ ही सेवायोजन कार्यालय ने पिछले साल कुल 121 रोजगार मेले आयोजित किए,जिसमें 9278 लोगों ने प्रतिभाग किया,इनमें से 2299 लोगों चयनित किये गएl
www.ncs.gov.in पर इस वक्त 292650 नौकरिया उपलब्ध हैं. जिस पर अप्लाई कर युवा नौकरी प्राप्त कर सकते हैंl