स्टोरी(कमल जगाती, नैनीताल):- सुप्रीम कोर्ट की कॉलिजियम ने उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय के तीन वरिष्ठ अधिवक्ताओं और एक न्यायिक अधिकारी के नामों की उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के लिए सिफारिश की है।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया धनंजय वाय चंद्रचूड़, न्यायाधीश संजय किशन कॉल और न्यायाधीश के.एम.जोसफ की कॉलिजियम की तरफ से 12 अप्रैल को जारी पत्र में कहा गया है कि ऊत्तराखण्ड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने अपने दो वरिष्ठ साथियों के साथ सलाह मशविरा कर 7 सितंबर 2022 को न्यायालय के तीन अधिवक्ताओं और एक न्यायिक अधिकारी का नाम न्यायाधीश के लिए प्रस्तावित किया था। इस प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और राज्यपाल लेफ्ट.जर्नल(से.नि.)गुरमीत सिंह ने भी सहमति दे दी थी। न्याय विभाग की तरफ से ये फ़ाइल सुप्रीम कोर्ट के सम्मुख एक अप्रैल 2023 को रखी गई थी। पत्र में कहा गया है कि नियमित प्रक्रिया का पालन करते हुए उच्च न्यायालय से परामर्श के बाद सभी लोगों की जांच कराई गई। इन चारों कैंडिडेटों की योग्यता और उपयुक्तता को परखते हुए इनके मैरिट जांचे गए जिसमे खूबियों के साथ उम्र संबंधी शिकायत भी दिखी।
सुप्रीम कोर्ट की कॉलिजियम ने अधिवक्ताओं में सबसे पहले वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश थपलियाल, पंकज पुरोहित और सुभाष उपाध्याय की आई.बी. रिपोर्ट और न्यायाधीशों के ऑब्जर्वेशन लिखे हैं। इसके बाद कॉलिजियम ने विवेक भारती शर्मा को ऊत्तराखण्ड उच्च न्यायिक सेवा में वरिष्ठतम बताते हुए उच्च न्यायालय में रजिस्ट्रार जर्नल के पद पर आसीन बताया है। कॉलिजियम ने सभी को उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में उपयुक्त बताते हुए अपनी सिफारिश आगे बड़ा दी है।