उत्तराखंड में भ्रष्टाचार किस तरीके से बढ़ गया है इस बात का पता इसी से चलता है कि जब कर्मचारी पहले से ही उपनल और पीआरडी से कार्य कर रहे थे तब उन्हें निकालकर आउट सोर्स एजेंसियों के तहत दोबारा से रखने की प्रक्रिया चालू कर दी हैl जबकि पिछले कुछ समय पहले ही यह फैसला हुआ था कि सभी विभागों में कर्मचारी उपनल के माध्यम से रखे जाएंगेl
उदाहरण के तौर पर शिव विभूति रंजन अनु सचिव उत्तराखंड शासन ने निदेशक राज्य बीमा योजना को पत्र लिखते हुए आदेश जारी किया कि नियमित वेतनमान में सृजित पदों के सापेक्ष आउटसोर्स पर कार्मिक लिये जाने हेतु दिनांक 31.03.2023 तक निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाय। इसके साथ ही उक्त पदों के सापेक्ष योजना द्वारा पूर्व से रखे गये विभिन्न संवर्गों में रिक्त पदों पर आउटसोर्स (उपनल / पी0आर0डी०) / दैनिक वेतन के माध्यम से रखे गये कार्मिकों को चयनित आउटसोर्स एजेंसी के माध्यम से कार्मिक उपलब्ध होने अथवा उक्त पदों पर नियमित नियुक्ति तक जो भी पहले हो, सेवा में बनाये रखे जाने की अनुमति प्रदान की जाती है एवं आउटसोर्स पदों पर दैनिक वेतन के माध्यम से रखे गये कार्मिकों को भी आउटसोर्स एजेंसी के चयन होने तक रखे जाने की अनुमति प्रदान की जाती है। साथ ही योजना में यदि आउटसोर्स के माध्यम से कार्मिकों को रखे जाने की आवश्यकता हो तो शासन से अनुमति अनिवार्य रूप से प्राप्त कर ली जाय।
अब सरकार उपनल और पीआरडी कर्मचारियों को प्राइवेट आउटसोर्स कंपनियों के माध्यम से रखकर प्राइवेट लालओ की जेब भरने की पूरी तैयारी में हैl
इन कर्मचारियों को आउटसोर्स से भरने के नाम पर अच्छी खासी सिक्योरिटी मनी ली जाएगी, उसके बाद इन्हें कभी भी विभाग से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा l साथ ही इनके वेतन में भी कटौती कर दी जाएगीl और भी कई तरह के शोषण इन कर्मचारियों के साथ आउटसोर्स के माध्यम से किए जाएंगेl