बड़ी खबर : थूक जिहाद पर सख्ती। पुलिस और LIU रखेगी पैनी नजर। जारी हुए निर्देश..

मसूरी में थूक कर चाय परोसने के मामले के बाद सीएम धामी ने इस तरह के लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए।
मसूरी मामले में तो देहरादून पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दो आरोपियों को गिरफ्तार भी किया।
साथ ही इस तरह की घटनाओं के सामने आने के बाद डीजीपी अभिनव कुमार ने सभी पुलिस कप्तानों को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं।खाद्य पदार्थों में थूकने की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस को भी अलर्ट किया गया है।
ऐसी घटनाओं में तत्काल मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार करने को कहा गया है। साथ ही रेहड़ी-खोखे आदि पर होने वाली घटनाओं के संबंध में एलआईयू को भी सक्रिय रहने के लिए कहा गया है।
डीजीपी ने निर्देश जारी कर कहा कि हाल के दिनों होटल, रेहड़ी आदि पर खाद्य पदार्थों में थूकने के वीडियो वायरल हो रहे थे।ऐसी घटनाओं का सीधा ताल्लुक वैसे तो स्वास्थ्य एवं खाद्य सुरक्षा विभाग से है, लेकिन ऐसे मामलों में कई सामाजिक संगठनों के विरोध की बात भी सामने आती है। लिहाजा कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस भी इस तरह के मामलों में मुकदमा दर्ज कर सकती है। ऐसे में पुलिस को अपने इलाकों में ऐसी सूचनाओं पर तत्काल कार्रवाई करने की जरूरत है।
सीएम धामी ने भी इस तरह के मामलों में सख्ती की बात कही हैं -“इस तरह के किसी दुष्कृत्य के लिए उत्तराखंड में कोई स्थान नहीं है। यदि कोई ऐसा करते हुए पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस तरह की घटनाओं से न केवल खाद्य पदार्थ दूषित होते हैं, अपितु भावनाएं भी आहत होती हैं। इस तरह के कारनामों पर हम कठोर कार्रवाई करेंगे।”
ये दिए निर्देश

– होटल, ढाबा संचालकों को अपने कारीगरों और कर्मचारियों का शत प्रतिशत सत्यापन कराया जाए।

– रसोई में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने के लिए संचालकों को प्रोत्साहित किया जाए।

– गश्त और पेट्रोलिंग के दौरान भी ऐसी घटनाओं पर ध्यान दिया जाए।

– समय-समय पर खाद्य सुरक्षा विभाग के साथ मिलकर पुलिस होटल, ढाबों की चेकिंग करे।

– ऐसे मामलों में पुलिस एक्ट और बीएनएस की धारा 274 (खाद्य पदार्थों में अपमिश्रण) में मुकदमा दर्ज किया जाए।

– यदि ऐसे मामलों में भाषायी, सांप्रदायिक टकराव होने की संभावना है तो बीएनएस 196(1)(सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले कृत्य) या बीएनएस 299(धार्मिक विश्वास का अपमान) में मुकदमा दर्ज किया जाए।

– स्थानीय निकाय और खाद्य सुरक्षा विभाग के साथ मिलकर जागरूकता अभियान चलाएं।

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