देहरादून | अक्टूबर 2025
उत्तराखण्ड पुलिस ने पिछले तीन वर्षों में नशे के कारोबार पर बड़ी कार्रवाई करते हुए कुंतलों में चरस, डोडा, अफीम और हेरोइन बरामद की है।
पुलिस की सशक्त कार्रवाई से अब तक 3431 अभियोगों में 4440 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। यह कार्रवाई NDPS एक्ट के अंतर्गत की गई है, जिसमें नशे के पारंपरिक और सिंथेटिक दोनों रूपों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
तीन साल में नशे पर बड़ी नकेल
राज्यभर में अगस्त 2025 तक पुलिस ने कुल 3431 मुकदमों में कार्रवाई करते हुए 681.09 किलो चरस, 649.79 किलो डोडा, 61.22 किलो अफीम, 58.98 किलो हेरोइन, 4954.34 किलो गांजा, और भारी मात्रा में नशीली गोलियां, इंजेक्शन और कैप्सूल जब्त किए हैं।
कुल जब्त नशे का अनुमानित बाजार मूल्य 208 करोड़ रुपये से अधिक बताया गया है।
पुलिस के अनुसार, हाल के वर्षों में सिंथेटिक ड्रग्स जैसे एमडीएमए (MDMA) और केमिकल बेस्ड ड्रग्स का चलन बढ़ा है, जबकि पारंपरिक नशे जैसे डोडा और चरस की मात्रा में कमी दर्ज की गई है।
हाल के प्रमुख ऑपरेशन:
चम्पावत – एमडीएमए की सबसे बड़ी बरामदगी
STF और चम्पावत पुलिस ने बनबसा थाना क्षेत्र में कार्रवाई करते हुए
ईशा (पत्नी राहुल कुमार) और राहुल कुमार को गिरफ्तार किया।
उनके कब्जे से 5.688 किलो एमडीएमए ड्रग बरामद हुआ।
यह राज्य में एमडीएमए की सबसे बड़ी जब्ती में से एक मानी जा रही है।
ऊधम सिंह नगर – प्रिकर्सर केमिकल्स सहित तस्कर गिरफ्तार
STF/नानकमत्ता पुलिस ने कुणाल राम कोहली को गिरफ्तार किया।
उसके पास से 7.41 ग्राम एमडीएमए और ड्रग बनाने में उपयोग होने वाले रसायन जब्त किए गए, जिनमें शामिल हैं –
- Dichloromethane (57.5 लीटर)
- Acetone (20 लीटर)
- Hydrochloric Acid (47.5 लीटर)
- Methylamine Solution (500 मिलीलीटर)
- Sodium Hydroxide (28 किलो)
यह कार्रवाई इस बात का संकेत है कि अब राज्य में ड्रग मैन्युफैक्चरिंग की कोशिशें भी की जा रही हैं, जिन पर पुलिस की पैनी नजर है।
फार्मा कंपनियों पर शिकंजा
ड्रग्स के अवैध डायवर्जन के खिलाफ राज्य पुलिस ने फार्मा कंपनियों और गोदामों पर भी बड़ी कार्रवाई की है।
देहरादून
ग्रीन हर्बल फैक्ट्री से पुलिस ने जब्त किया —
- 900 कैप्सूल (Paracetamol + Tramadol मिश्रण)
- 694 टैबलेट (Buprenorphine & Naloxone)
- 192 बोतलें Syrup
- 400 बिना रैपर की बोतलें
- 311 खाली रैपर Codeine Syrup के
हरिद्वार
रानीपुर थाना क्षेत्र में आचल एक्सप्रेस चौहान कंपाउंड में छापेमारी के दौरान 341,568 नशीले कैप्सूल बरामद किए गए।
जांच में सामने आया कि ये ड्रग्स बायोटेक लिमिटेड और JR Pharma (SIDCUL) के डिपो से डायवर्ट की जा रही थीं।
बाद में Narcotics Control Bureau (NCB) ने चंडीगढ़ से जुड़े मामले में 7 तस्करों को गिरफ्तार किया, जिनसे पूछताछ में हरिद्वार स्थित फैक्ट्री से 2.5 लाख प्रतिबंधित गोलियां जब्त की गईं।
उत्तराखण्ड पुलिस की सख्त रणनीति
राज्य पुलिस ने कहा है कि ड्रग्स के खिलाफ निर्णायक जंग जारी रहेगी।
जहां एक ओर नशा तस्करी पर शिकंजा कसा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर जनजागरूकता अभियान भी तेज किए गए हैं ताकि युवा वर्ग को नशे के जाल से बचाया जा सके।
“नशे के कारोबार को किसी भी कीमत पर फलने-फूलने नहीं दिया जाएगा।
पुलिस हर स्तर पर नशा माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है।”
— उत्तराखण्ड पुलिस प्रवक्ता
आंकड़ों में NDPS सफलता (2022–2025)
| श्रेणी | बरामद मात्रा |
|---|---|
| चरस | 681.09 किग्रा |
| डोडा | 649.79 किग्रा |
| अफीम | 61.22 किग्रा |
| हेरोइन | 58.98 किग्रा |
| गांजा | 4954.34 किग्रा |
| नशीली गोलियां | 7.2 लाख से अधिक |
| नशीले कैप्सूल | 7.1 लाख से अधिक |
तीन वर्षों में की गई इन कार्रवाइयों से यह स्पष्ट है कि उत्तराखण्ड पुलिस ड्रग्स के खिलाफ निर्णायक जंग लड़ रही है।
राज्य में सिंथेटिक ड्रग्स के बढ़ते खतरे को ध्यान में रखते हुए STF और NCB के साथ समन्वय को और सशक्त किया गया है, जिससे नशे के सौदागरों को जड़ से समाप्त किया जा सके।


