परिवारवाद पर बड़ी चोट। युवा विधायक दुर्गेश्वर लाल कैबिनेट की दौड़ में सबसे आगे।

रिपोर्ट / बिजेंद्र राणा 

उत्तराखंड की राजनीति में कैबिनेट विस्तार की खबरें जोरों पर हैं और कहीं ना कहीं इस बार भाजपा में बड़ा परिवर्तन भी दिखाई दे सकता है। वर्तमान कैबिनेट में 3 पद खाली हैं और 3 वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों की छुट्टी होने की खबरें सुर्खियां बटोर रही हैं।

आपको बता दें कि वर्तमान सियासी समीकरणों में कैबिनेट की दौड़ में एक युवा विधायक का नाम सर्वाधिक सुर्खियां बटोर रहा है। 

अपनी उत्कृष्ट कार्यशैली और जनहित के लिए कुछ भी कर गुजरने वाले विधायकों में दुर्गेश्वर लाल का नाम अग्रिम पंक्ति में है।

पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल  वर्तमान सियासी समीकरणो के हिसाब से कैबिनेट मंत्री बनने की लिस्ट में प्रथम पंक्ति मै है ।

आपको बता दें कि युवा विधायक दुर्गेश्वर लाल पुरोला विधानसभा से  2017 में बतौर निर्दलीय प्रत्याशी बनकर राजनीति के सियासी मैदान में उतरे एवं 12900 से अधिक वोट प्राप्त करके इस युवा ने अपनी राजनीतिक परिपक्वता और सूजभूज का लोहा प्रदेश की राजनीति में सियासी दिग्गजों को मनवाया।

कहीं ना कहीं इस युवा में भाजपा को अपना भविष्य दिखा और भाजपा ने दुर्गेश्वर लाल को 2022 विधानसभा चुनाव में पुरोला से अपना प्रत्याशी बनाया।

दुर्गेश्वर लाल ने भी सारे सियासी समीकरणों और मिथकों को पलटते हुए राजनैतिक और आर्थिक रूप से मजबूत कहे जाने वाले विपक्षी विधायक को कड़ी शिकस्त दी और बंपर बहुमत से चुनाव भी जीत लिया।

आपको बता दें कि 2022 विधानसभा चुनाव में सबसे गरीब विधायकों  की लिस्ट में युवा विधायक दुर्गेश्वर लाल का नाम भी शामिल है। 

यदि युवा विधायक दुर्गेश्वर लाल कैबिनेट मंत्री बनते हैं तो कहीं ना कहीं राजनीति में परिवारवाद के दंश और  परिवारवाद की इस  परिपाटी पर यह बड़ी चोट होगी। जिस पटकथा के अनुसार राजनीति का यह वर्तमान दौर सिर्फ  परिवारवाद के इर्द-गिर्द घूमता हुआ नजर आता है।

इसके अतिरिक्त लोकतंत्र की गरिमामय परिभाषा में यदि गरीब व्यक्ति चुनाव जीतकर इतिहास रचता है तो कहीं ना कहीं यह एक स्वस्थ लोकतंत्र की पहचान भी है।

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