देहरादून: राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने आज लच्छीवाला टोल प्लाजा को हटाने की मांग को लेकर उग्र प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि स्थानीय वाहन चालकों को अनुचित रूप से अधिक टोल देना पड़ रहा है, जिससे आम जनता को असुविधा हो रही है।
प्रशासन ने वार्ता का दिया आश्वासन
प्रदर्शन के दौरान उप जिलाधिकारी अपर्णा ढौढ़ियाल आंदोलन स्थल पर पहुंचीं और प्रदर्शनकारियों को मंगलवार को वार्ता के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि समस्त अधिकारियों की मौजूदगी में इस मुद्दे पर चर्चा कर उचित निर्णय लिया जाएगा।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का समर्थन
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी आंदोलन स्थल पर पहुंचे और अपना समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा जनहित से जुड़ा हुआ है और सभी राजनीतिक दल इस पर एकजुट हैं।
प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांगें
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल ने बताया कि गढ़वाल के विभिन्न जिलों से आने वाले वाहन केवल 12 किलोमीटर सड़क का उपयोग करते हैं, जबकि उन्हें 37 किलोमीटर की टोल रोड का भुगतान करना पड़ता है। उन्होंने टोल टैक्स को आधा करने या फिर टोल प्लाजा हटाने की मांग की। पार्टी की महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष सुलोचना ईस्टवाल ने कहा कि 20 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों के लिए टोल टैक्स माफ किया जाना चाहिए, अन्यथा जनता टोल प्लाजा को उखाड़ फेंकेगी।
सुरक्षा और पर्यावरणीय चिंताएं
किसान सभा के अध्यक्ष जाहिद अंजुम ने टोल प्लाजा को “खूनी टोल प्लाजा” बताते हुए कहा कि यहां आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं, इसलिए इसे हटाना आवश्यक है। वहीं, पर्यावरणविद् प्रमोद काला ने कहा कि यह टोल प्लाजा एलिफेंट कॉरिडोर पर बना हुआ है, जिससे जंगली जानवरों के आवागमन में बाधा उत्पन्न हो रही है।
आंदोलन जारी रखने की चेतावनी
फुरकान अहमद ने चेतावनी दी कि यदि टोल प्लाजा नहीं हटाया गया, तो अनिश्चितकालीन आंदोलन जारी रहेगा। पहाड़ी स्वाभिमान सेवा के प्रमोद काला, पंकज उनियाल, देवभूमि युवा संगठन के आशीष नौटियाल, भू-बुग्याल संगठन के अध्यक्ष कनिष्क देवेंद्र कंडारी, जगदंबा बिष्ट, सुशीला पटवाल, विनोद झिंकवाण सहित कई नेताओं ने भी प्रदर्शन को समर्थन दिया।
प्रदर्शन में बड़ी संख्या में लोग शामिल
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के देहरादून जिला अध्यक्ष देवेंद्र सिंह गोसाई, ऋषिकेश जिला अध्यक्ष उपेंद्र सकलानी, मनोरमा चमोली, गुलाब सिंह रावत, मीना थपलियाल, महादेव नौटियाल, कलावती नेगी, सुरेंद्र चौहान, शिव सिंह भैराटी, दयाराम मनोरी, सुमित थपलियाल, अरुण ढौंडियाल, अनिल जोशी, सुमन रावत, प्रियंका नेगी, संगीता रावत, सुनीता रावत, सरोज रावत, शांति चौहान, प्रीति रावत, मंजू रावत, माधो सिंह नेगी, राकेश नेगी, गजेंद्र नेगी, रीना, मीनाक्षी उनियाल, प्रदीप उनियाल, उषा उनियाल, यूकेडी नेता राकेश चौहान, राजेंद्र गुसाई, सुभाष नौटियाल, रजनी मिश्रा सहित सैकड़ों लोग इस आंदोलन में शामिल हुए।
आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं करता, तो वे अपने प्रदर्शन को और उग्र करेंगे।