देहरादून। भाजपा राष्ट्रीय सह महामंत्री संगठन शिवप्रकाश ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनयम 2019 के अंतर्गत पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान में धार्मिक रूप से प्रताडि़त अल्पसंख्यकों को नागरिकता देकर उन पर कोई अहसान नहीं किया गया है, अपितु अपने राष्ट्रीय कर्तव्य को पूरा किया है।
बीजेपी मुख्यालय में देहरादून में नागरिकता संशेाधन अधिनयम के संबंध में आयोजित प्रदेश स्तरीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए शिवप्रकाश ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि देश की आजादी से पूर्व भारत के सभी नागरिकों ने देश की स्वतंत्रता के लिए आन्देालन किया और बड़ी-बड़ी कुर्बानियां दी। इनमें उन क्षेत्रों के लोग शामिल थे, जो आज पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान में हैं, लेकिन इन 1947 में देश की आजादी के समय पाकिस्तान में रह गये अल्पसंख्यक, वहां बाद में इसलिए प्रताडि़त किये गये कि वे वहां के धर्म के अनुयायी नहीं थे। ऐसे में उनका आश्रय केवल भारत है और अब जब नागरिकता संशोधन अधिनयम के तहत उन्हें नागरिकता देने का मार्ग प्रशस्त हुआ है, तो यह उन पर कोई उपकार न होकर हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है। नेहरू-लियाकत समझौते के अन्तर्गत बंग्लादेश सहित पाकिस्तान अपने देश के अल्पसंख्यकों की देखभाल करने में असमर्थ रहा, जबकि भारत ने इस कार्य को किया। उन्होंने कहा कि इन तीन देशों में प्रताडि़त किये गये अल्पसंख्यकों में सबसे बड़ा भाग दलितों का है। इसके अलावा महिलाओं ने बहुत गम्भीर यातनाएं सही हैं। ऐसे में यह विधेयक मानवतावादी भी है।
शिवप्रकाश ने कहा कि इस विधेयक के पारित हेाने से विपक्षी राजनीतिक दलों को अपना अस्तित्व खतरे में दिखायी दे रहा है और देश में आतंकवाद फैलाने वालों के मंसूबे भी समाप्त होते जा रहे हैं। साथ ही चाहे अर्बन नक्सल हों या तथाकथित मानवाधिकारवादी, सभी अपने वजूद की अन्तिम लड़ाई लड़ रहे हैं। इसलिए वे दुष्प्रचार व भ्रम फैलाने में लगे हुए हैं, लेकिन हमें जनता के सामने वास्तविक स्थिति को रखना है और कोई घर, क्षेत्र, संस्थान न छूटे ये सुनिश्चित करना है।