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अजय भट्ट के पीछे पड़ा गैरसैंण का भूत!

December 15, 2017
in पर्वतजन
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चुनाव हारने के बाद भी नहीं छोड़ रहा पीछा

उत्तराखंड में नेता प्रतिपक्ष रहते पांच सालों तक कांग्रेस सरकार को गैरसैंण के मुद्दे पर घेरने वाले अब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट उसी पर बुरी तरह घिरे हुए हैं। पिछले दिनों गैरसैंण में आयोजित विधानसभा सत्र के दौरान सरकारी हेलीकॉप्टर से गैरसैंण गए अजय भट्ट अब कांग्रेस के निशाने पर हैं।
पहले तो कांग्रेस ने अजय भट्ट द्वारा सरकारी हेलीकॉप्टर से जाने पर आपत्ति जाहिर की। कांग्रेस का तर्क है कि अजय भट्ट विधायक नहीं है तो वह सरकारी हेलीकॉप्टर से गैरसैंण कैसे चले गए  कांग्रेस ने इसे  सरकारी धन का दुरुपयोग बताया।

उसके बाद जब सरकार हवाई जहाज से देहरादून लौटी तो कांग्रेसी सरकार की बजाय अजय भट्ट के पीछे पड़ गए और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अजय भट्ट को गियर में लेते हुए अल्मोड़ा में एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की और अजय भट्ट से पूछा कि मेरे मुख्यमंत्री रहते गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग करने वाले अजय भट्ट कहां गायब हैं और आखिर ऐसे क्या हालात पैदा हो गए कि डबल इंजन की सरकार को गैरसैंण से भागना पड़ा।
कांग्रेसियों द्वारा किए जा रहे हमले के बाद पहले से ही विपरीत राजनीतिक समीकरणों की मार झेल रहे अजय भट्ट के मुंह से यह निकल गया कि गैरसैंण में संसाधनों की कमी है। वहां पर्याप्त मात्रा में पीने का पानी नहीं है और भारतीय जनता पार्टी ने तो अपने घोषणा पत्र में गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की पहले ही घोषणा कर रखी है। हालांकि अजय भट्ट इस बात का जवाब नहीं दे पाए कि जब राजधानी ग्रीष्मकालीन बनानी है तो शीतकाल में गैरसैंण में सत्र आयोजित करने का क्या औचित्य था?

इधर गैरसैंण में सत्र के बाद गैरसैंण को राजधानी बनाने के लिए विभिन्न राजनीतिक संगठन और सामाजिक कार्यकर्ता गैरसैंण के मुद्दे को गरमाने में लगे हैं।

गैरसैंण को लेकर पिछले दिनों हुए आंदोलन और गिरफ्तारी के बाद यह मुद्दा गरमाने के आसार बढ़ गए हैं। अन्य सामाजिक संगठन भी गैरसैंण को लेकर परिचर्चा आदि आयोजित करने लगे हैं।
बहरहाल, अजय भट्ट की दुविधा यह है  कि पहले प्रचंड लहर के बावजूद वे चुनाव हार गए और अब सरकार के हिस्से की गाली भी उन्हें ही खानी पड़ रही है।


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