तो बस अड्डे पर गलतबयानी कर रहे हैं नगर विकास मंत्री!
कुमार दुष्यंत
हरिद्वार में बस अड्डे को शिफ्ट करने का विवाद अब गहरा गया है।बस अड्डा स्थानांतरण पर सरकार के खिलाफ विभिन्न राजनीतिक दलों एवं संगठनों के सड़कों पर उतर आने से अब ये मुद्दा राजनीतिक रंग भी लेने लगा है।मई में निगम चुनाव संभावित होने के कारण सत्तारूढ़ दल के नेता इस मुद्दे पर अपनी खाल बचाने में लगे हुए हैं।
शासन हरिद्वार में रेलवे स्टेशन के सामने स्थित रोडवेज बस अड्डे को छह किलोमीटर दूर सराय गांव के निकट ले जाना चाहता है।सराय में सरकार ने आईएसबीटी बनाने की तैयारी कर ली है।
धर्मनगरी के नागरिक, व्यवसायी बस अड्डे को शहर से दूर ले जाने के खिलाफ हैं।जिसके कारण रोज ही इस मुद्दे पर शहर में सरकार के खिलाफ धरने-प्रदर्शन हो रहे हैं।व्यापारियों के बाद पंडे-पुरोहितों, साधु-सन्यासियों, राजनीतिक दलों व आम नागरिक के इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ एक मंच पर उतर आने से मामला पेचीदा हो गया है।
बस अड्डा स्थानांतरण का विरोध कर रही सर्वदलीय समिति के अध्यक्ष अशोक शर्मा ने आरोप लगाया है कि सराय के निकट सत्ता से जुडे नेताओं ने जमीनें खरीद रखी हैं।बस अड्डा वहां शिफ्ट होते ही यह जमीनें सोना उगलेंगी।इसलिए सत्ता से जुडे राजनेता बस अड्डे को सराय ले जाने की कोशिश कर रहे है।
मामला सरकार से जुडा़ होने के कारण राजनीतिक रंग ले रहा है।दो दिन पूर्व नगर विकास मंत्री व शासन के प्रवक्ता मदन कौशिक ने इस मुद्दे पर सरकार का पक्ष रखते हुए बस अड्डे को सराय ले जाने को नगर निगम व हरिद्वार-रुडकी विकास प्राधिकरण का निर्णय बताया था।मंत्री के इस बयान का मेयर मनोज गर्ग ने खंडन किया है।मेयर के अनुसार निगम ने बस अड्डा स्थानांतरित करने का कभी कोई प्रस्ताव नहीं पारित किया है।और यदि एचआरडीए निगम को बाईपास कर बस अड्डा स्थानांतरित करेगा तो इसका विरोध किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक मेयर मनोज गर्ग के राजनीतिक गुरु हैं।लेकिन बस अड्डे की राजनीति ने दोनों को एक-दूसरे के खिलाफ बोलने को मजबूर कर दिया है।