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अनुभव प्रमाण पत्र बनाकर हथियाए करोड़ों के काम, डीएम ने बिठाई जांच

नीरज उत्तराखण्डी

anubhav praman patra
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फर्जी अनुबंध व प्रमाणपत्र बनाकर ठेकेदार ने हथियाएं करोड़ों के काम
मोरी-नैटवाड़-सांकरी व सांकरी-जखोल मोटर मार्ग का मामला
रवाईं जन एकता मंच ने जिला अधिकारी से की थी निर्माण कार्यो में की गयी वित्तीय अनियमितता की जांच की मांग
डीएम ने तीन सदस्यीय तकनीकी समिति का गठन कर एक सप्ताह के भीतर एसडीएम को दिए थे जांच के आदेश
जांच में सड़क मार्ग का काम ठेकेदार द्वारा फर्जी अनुबंध व कार्य अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर हासिल किया गया
सड़क मार्ग में निमार्ण के लिए उपयोग में लायी निर्माण सामग्री का विभाग की प्रयोगशाला में करवायी गई जांच
विभाग व ठेकेदार की लापरवाही का खामियाजा भुगत रही है क्षेत्र की जनता, अधर में लटका सड़क का निमार्ण कार्य

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तहसील मोरी की लाइफ लाइन कहे जाने वाली मोरी-नेटवाड़-सांकरी व सांकरी-जखोल सड़क मार्ग विवादों के चलते सुर्खियों में है। मामला तब खुलकर सामने आया, जब ठेकेदार ने भुगतान के लिए विभाग के कई चक्कर काटे, किंतु साइड इंचार्ज कनिष्ठ अभियन्ता ने यह कहकर बिल बनाने से इनकार कर दिया कि ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य मानकों के अनुरूप नहीं किया जा रहा है तथा ठेकेदार भुगतान का दबाव बना रहा है। जिसकी साइड इंजार्च जे.ई. त्रेपन सिंह राणा ने अधिशासी अभियंता को पत्र लिखकर अवगत करवाकर अपनी साइट बदलने का आग्रह किया गया।

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ठेकेदार जनक सिंह रावत ने अभियंता त्रेपन राणा पर भुगतान के एवज में कमीशन लेने का आरोप लगाया तथा विजिलेंस से शिकायत कर उसे रिश्वत लेने के आरोप में पकड़वा दिया। विजिलेंस द्वारा जे.ई. को गिरफ्तार किए जाने का स्थानीय ठेकेदारों व प्रतिनिधियों ने भी विरोध किया था।
बहरहाल निर्माण कार्य अधर में हैं, जिसके चलते क्षेत्रवासियों को आवाजाही में परेशानी हो रही है। विभाग व ठेकेदार की लापरवाही का खामियाजा क्षेत्र की ग्रामीण जनता को भुगतना पड़ रहा हैेेंं।
इन मोटरमार्गों में एसपीआर मद से 7 करोड़ की लागत से सतह सुधार, डामरीकरण व सुरक्षात्मक निर्माण कार्य किये जाने थे, लेकिन विभागीय

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ठेकेदार द्वारा मानकों के विपरीत गुणवत्ताविहीन कार्य करने से नाराज रवाईं जन एकता मंच ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी से की। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी ने तीन सदस्यीय तकनीकी समिति का गठन कर उपजिलाधिकारी को एक सप्ताह के भीतर जांच के आदेश दिए।

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जांच में चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आए। ठेकेदार द्वारा मार्ग कार्यों का फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र हासिल कर करोड़ों के काम हथियाए। निर्माण कार्यों के लिए कथिततौर पर विवादित ठेकेदार ने लोनिवि के अस्कोट निर्माण खण्ड में 1 करोड़ 90 लाख 54 हजार 679 रुपये के कार्य होना दर्शाकर राज्य योजना के अंतर्गत ओगला भागीचौरा मोटर मार्ग में डामरीकरण व सुधारीकरण का कार्य कर अनुुबंध सं. 09/111 एस.आई/2014 दि. 04.11.2014 में 1 करोड़ 93 लाख 80 हजार 239 धनराशि का फर्जी अनुबंध कर मार्ग कार्यों का अनुभव प्रमाण पत्र हासिल किया। जिसकी पुष्टि अधिशासी अभियंता लोनिवि अस्कोट पिथौरागढ़ ने जांच अधिकारी को पत्र भेजकर की है। जिसमें लिखा गया है कि जनक सिंह द्वारा इस खण्ड के अंर्तगत न तो कोई कार्य किया गया और न ही कोई अनुबन्ध गटित किया तथा न ही अनुभव प्रमाण पत्र निर्गत किया गया है। पर्वतजन के पास उपलब्ध दस्तावेज से यह साफ है कि ठेकेदार द्वारा फर्जी अनुभव के आधार पर करोड़ों के काम हासिल कर ठेकेदार स्वयं के द्वारा बुने गये जाल में फंसते नजर आ रहे हैं।

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