पर्वतजन
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
पर्वतजन
No Result
View All Result
Home पर्वतजन

आरटीआई खुलासा:घोटालेबाज को बचाने मे लगा विश्वविद्यालय

November 22, 2017
in पर्वतजन
ShareShareShare
उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय देहरादून के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी  मुकुल काला की प्रतिनियुक्ति का विवाद गहराया,मामला पहुंचा सूचना आयोग।
 सूचना आयोग ने मामले का लिया गहराई से संज्ञान, विश्वविद्यालय प्रशासन के विरुद्ध शासन द्वारा हो सकती है गम्भीर कार्यवाही 19 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई –
  ज्ञात हो कि उक्त विश्वविद्यालय के चर्चित और विवादित वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी श्री मुकुल काला जी को फरवरी 2014 मे ही शिक्षा विभाग ने इस विश्वविद्यालय में प्रतिनियुक्ति पर भेजा था परन्तु विवादों से इनका गहरा नाता होने के चलते तत्कालीन विभागीय मंत्री ने संज्ञान लेते हुए इनके योगदान मे अड़ंगा लगा दिया था। जिसके कारण यह तीन महीने तक उपार्जित अवकाश पर चले गए और उसके बाद अपने आकाओं के सहयोग से योगदान करने में सफल हुए। लेकिन योगदान के बाद यह हमेशा तरह -तरह के विवादों में चर्चित रहे। जिसको लेकर पूरे कार्यकाल में इनके विरुद्ध पूर्व कुलपतियों,कुलसचिवों,और उपकुलसचिवो ने कई बार गंभीर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए स्पस्टीकरण माँगा था। यहाँ तक कि पूर्व कुलपति माननीय सौदान सिंह जी ने तो जून 2017 मे इनको निलंबित कर इनके मूल विभाग को लौटाने की कार्यवाही भी आरम्भ कर दी थी। परन्तु इसके पहले ही उनका कार्यकाल ही समाप्त हो गया। यही हाल अन्य इनके विरुद्ध कार्यवाही करने वाले अन्य अधिकारियों का भी हुआ। क्योकि इनको उत्तराखंड शासन और तत्कालीन विश्वविद्यालय प्रशासन के कुछ भ्रष्ट एवं अक्षम अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त था। जो खुलेआम इन्हें बचाते रहे।
    यह विश्वविद्यालय में 4200 रुपये ग्रेड पे के पद प्रशासनिक अधिकारी के पद से शुरुआत कर 4800 ग्रेड पे के पद वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी तक इसी विश्वविद्यालय में पहुँच गये। जबकि वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी का पद विश्वविद्यालय में सृजित ही नहीं है। परन्तु इन्हें इस पद पर तैनाती कर वित्तीय क्षति पहुंचाई जा रही है। जबकि वर्तमान कुलसचिव ने सूचना आयोग को 07/11/2017 को बताया है कि उनके यहां 4200 रुपये ग्रेड पे के सापेक्ष पर प्रशासनिक अधिकारी कार्य कर रहा है, यही नहीं उन्होंने आयोग को यह भी बताया है कि उक्त पदाधिकारी को 19 नवंबर को हटा दिया जाएगा।
   ज्ञात हो श्री मुकुल काला जी को इनके मूल विभाग के निदेशक  ने विगत 16 अक्टूबर 2017 को ही स्पष्ट रूप से विश्वविद्यालय से इनकी प्रतिनियुक्ति समाप्त कर इन्हें 5400 रुपये ग्रेड पे के पद मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदोन्नति करते हुए उप शिक्षा अधिकारी ओखलकांडा नैनीताल के कार्यालय में 31 अक्टूबर तक योगदान करने का आदेश जारी किया था। परन्तु इन्होंने इतने बड़े पद को लात मार दिया क्योंकि यहां पर एक तो अंधाधुंध कमाई है और दूसरे अपने विशेष गुणों,अनुभवों औऱ कारनामों के कारण पूर्व में हुए घपलों, घोटालों को दफनाने और भविष्य में जारी रखने हेतु वर्तमान विश्वविद्यालय प्रशासन के लिये यह महाशय आवश्यक भी है।
इन्ही कारणों से इनको लेकर भारी जलालत झेलने के बावजूद  वर्तमान प्रशासन ने विगत अगस्त माह में ही आधिकारिक रूप से इनकी प्रतिनियुक्ति कार्यकाल समाप्त होने के बावजूद भी इन्हें कार्यमुक्त न कर अवैध तरीके से गुपचुप तीन माह का कार्यकाल विस्तारित कर दिया और उसके बाद इनके मूल विभाग द्वारा इनकी प्रतिनियुक्ति आदेश रद्द करने के आदेश को भी दरकिनार कर दिया।
 विश्वविद्यालय द्वारा 03 माह का विस्तारित कार्यकाल भी 19 नवंबर को समाप्त हो गया। परन्तु उसके बावजूद  इनको कार्यमुक्त नहीं किया गया। उल्टे 05 दिन पूर्व ही इन्हें लंबा उपार्जित अवकाश प्रदान कर दिया गया जबकि इनकी सेवा पुस्तिका में कोई भी अवकाश शेष नही है। परन्तु पहले भी इनके समेत अन्य प्रतिनियुक्ति पर आये कर्मियों को संकट के समय इसी प्रकार के अवकाश विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा प्रदान किये जाते रहे हैं और उन्हें उक्त अवधि का वेतन भुगतान भी दिया जाता रहा है। जबकि नियमानुसार प्रतिनियुक्ति पर आये हुए कर्मियों के उपार्जित एवम चिकित्सा अवकाश के वेतन का भुगतान उनके मूल विभाग से प्राप्त करने का प्रावधान है। लेकिन यहाँ पर सभी नियमों को ताक पर रख कर विश्वविद्यालय को भारी वित्तीय क्षति पहुंचाई जा रही है।
    अब यह विवाद सूचना आयोग पहुचने के कारण काफी दिलचस्प हो गया है। सूचना आयोग द्वारा गहराई से संज्ञान लेने और 19 दिसंबर को अगली सुनवाई पर निश्चित रूप से विश्वविद्यालय प्रशासन के विरुद्ध आयोग द्वारा कठोर आदेश पारित होने की प्रबल संभावना है।

Previous Post

शिक्षकों में आक्रोश सीएम ने दिलाया संतोष

Next Post

यहां डीएम, एसडीएम,एआरटीओ जोश खरोश से करा रहे युवाओं को निशुल्क कोचिंग

Next Post

यहां डीएम, एसडीएम,एआरटीओ जोश खरोश से करा रहे युवाओं को निशुल्क कोचिंग

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *






पर्वतजन पिछले २3 सालों से उत्तराखंड के हर एक बड़े मुद्दे को खबरों के माध्यम से आप तक पहुँचाता आ रहा हैं |  पर्वतजन हर रोज ब्रेकिंग खबरों को सबसे पहले आप तक पहुंचाता हैं | पर्वतजन वो दिखाता हैं जो दूसरे छुपाना चाहते हैं | अपना प्यार और साथ बनाये रखिए |
  • वायरल वीडियो : मेरे होते हुए किसी की औकात नहीं, जो गरीबों की जमीन पर कब्जा करे।
  • RTI खुलासा: प्रदेश में 3 साल में 3044 महिला अपराध। 2583 बलात्कार के मामले दर्ज
  • दून में 6100 करोड़ का एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट शुरू।बिंदाल-रिस्पना किनारे हटेंगे कई मकान
  • एक्शन: दून में चौकी प्रभारी 1 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार..
  • हादसा: 100 फीट गहरी खाई में गिरी कार। एक की मौत, दो गंभीर घायल
  • Highcourt
  • उत्तराखंड
  • ऋृण
  • निवेश
  • पर्वतजन
  • मौसम
  • वेल्थ
  • सरकारी नौकरी
  • हेल्थ
May 2025
M T W T F S S
 1234
567891011
12131415161718
19202122232425
262728293031  
« Apr    

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

error: Content is protected !!