Ad
Ad

इससे भला तो तीरथ सिंह ही था…

उत्तराखंड में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बाद दूसरे नंबर पर मंत्री पद की शपथ लेने वाले सतपाल महाराज से चौबट्टाखाल के भाजपाई आजिज आ चुके हैं।
चुनाव के दौरान हाथ मिलाने वाले महाराज अब नमस्कार स्वीकार करने को भी तैयार नहीं। क्षेत्र की जनता अपने जनप्रतिनिधि को परिवार के शादी-ब्याह जैसे कार्यक्रमों में आमंत्रित करने जाती है तो महाराज के दरबारी महल के बाहर से ही घुड़की दे देते हैं कि महाराज के पास तुम्हारी शादी-ब्याह के अलावा भी बहुत सारा काम है।
जनसमस्याओं से संबंधित कोई कार्य योजना लेकर जाओ तो उसे भी बाहर बैठे बाबू को सौंपनी पड़ती है। यदि किसी ने दस दिन बाद फोन कर कार्य की वास्तुस्थिति जानने के लिए फोन कर दिया तो उसे जबरदस्त तरीके से डांट पड़ती है कि यहां कोई रोबोट नहीं लगा हुआ है जो तत्काल काम कर दे। कल तक तीरथ सिंह रावत को ढीला कहने वाले भाजपा कार्यकर्ता अब सरेआम कहने लगे हैं कि ऐसे महाराज से तो तीरथ सिंह ही भले थे, जो भले ही काम बहुत ज्यादा न कर पाए हों, किंतु कार्यकर्ताओं का सम्मान और क्षेत्र में उपलब्धता के मामले में तो सर्वसुलभ थे!

Read Next Article Scroll Down

Related Posts