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उत्तराखंड के पटवारी भी हुए हाईटेक

July 7, 2017
in पर्वतजन
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गिरीश गैरोला/उत्तरकाशी

सरकार  ने सभी पटवारियों को उपलब्ध कराये जीपीएस एंड्राइड 4जी फोन। क्रॉप कटिंग के दौरान मौके पर हाजिरी सुनिश्चित करेगा जीपीएस सिस्टम। समय की बचत एप्प के जरिये सीधे उत्तराखंड सरकार और भारत सरकार को उपलब्ध होंगे आंकड़े
उत्तराखंड में राजस्व की पहली पायदान और रीढ़ कहे जाने वाले पटवारी अब हाइटेक हो गए हैं। उत्तराखंड शासन की तरफ से सूबे के सभी पटवारियों को आधुनिक सुविधाओं के साथ जीपीएस सिस्टम से लैस मोबाइल दिया गया है। वर्ष में दो बार रवि और खरीफ की क्रॉप कटिंग के दौरान अब मौके से ही पटवारी फोटो के साथ आंकड़े सीधे उत्तराखंड सरकार को भेज सकेंगे इस दौरान मोबाइल में लगा हुआ जीपीएस सिस्टम उनकी मौके पर मौजूदगी को सुनिश्चित करेगा। इस प्रयोग से जहा मौके से सही आंकडं़े मिल सकेंगे, वहीं समय की भी बचत होगी।
जनपद उत्तरकाशी के एडीएम पीएल शाह ने बताया कि जिले के 96 पटवारियों में से 65 पटवारी इस वक्त काम कर रहे हैं। उन्हें मोबाइल सेट उपलब्ध कराये जा चुके हैं। इन मोबाइल फोन मे सीसीई नाम कि एक एप्प से क्षेत्र के आंकड़े भरे जाने हैं। पूरे प्रदेश और देश से पैदा होने वाली फसलों का आंकड़ा अब तक ज़्यादातर अनुभव के आधार पर भेजा जाता रहा है जिसके चलते फसलों कि उपज कि सही तस्वीर सामने नहीं आ रही थी साथ ही आंकड़े मैनवली भरने से पटवारी से तहसीलदार, एसडीएम, डीएम और अंत में प्रदेश सरकार तक पहुंचते थे, जिसमें लंबा समय लगता था और आंकडं़े भी यथार्थ से दूर ही होते थे, क्योंकि मौके पर न जाकर ज्यादातर आंकड़े अनुभव के आधार पर ही भर दिये जाते थे। अब जीपीएस सिस्टम के चलते पटवारी को मौके पर खुद जाना होगा और फोटो के साथ सही आंकड़ा भरना होगा और इस प्रक्रिया के दौरान जीपीएस उसकी मौके पर हाजिरी का गवाह बनेगा। उन्होंने बताया कि इस बार सभी पटवारी क्षेत्रों का 100 प्रतिशत सर्वेक्षण इन्हीं जीपीएस मोबाइल फोन से लिए जाने की योजना है।
एसडीएम देवेंद्र नेगी कहते हंै कि ये इस मोबाइल से जरिए राजस्व अधिकारियों के कई दौरे और जांच मे लगने वाला समय भी बचेगा। उन्होंने बताया कि अपने क्षेत्र से पटवारी आपदा के दौरान क्षति और अन्य दिनों में निर्माण कार्य की फोटो सेल्फी के साथ ले सकेंगे, जिसमें शिकायत होने पर उच्च अधिकारी इन फोटो के आधार पर अपना निर्णय दे सकेंगे।


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