पर्वतजन
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
पर्वतजन
No Result
View All Result
Home पर्वतजन

एक सचिव ने दुत्कारा दूसरे ने दुलारा

May 3, 2017
in पर्वतजन
ShareShareShare

स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत कार्ड बनाने की धांधली के कारण सचिव रणवीर सिंह द्वारा हटा दी गई एमडी इंडिया कंपनी को दूसरे सचिव ओमप्रकाश ने फिर से गले लगा लिया।

कुलदीप एस. राणा

सचिवालय में बैठे हुक्मरानो ने एक बार फिर नियम-कानून ताक पर रख एक नए कारनामे को अंजाम देने का काम किया है। राज्य के चिकित्सा विभाग ने अपने पूर्व अफसर के आदेशों को हाशिए पर रख अपनी एक योजना के क्रियान्वयन के लिए एमडी इंडिया हेल्थ केयर (टीपीए) प्रा.लि. नाम की कंपनी के साथ फिर से अनुबंध किया है। कुछ साल पहले इसी कंपनी को विभाग की एक योजना में लापरवाही बरते जाने पर पूर्व अफसर द्वारा योजना से निष्कासन का आदेश दिया जा चुका था। शासन में उच्च पदों पर बैठे विभागीय अफसर से निकटता के दम पर एमडी इंडिया ने राज्य में चल रही मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना (एमएसबीवाई) के दूसरे चरण में थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेशन का काम फिर से हासिल कर लिया।
वर्ष 2010 तत्कालीन बीजेपी सरकार ने प्रदेश के राजकीय कर्मचारियों (सेवारत/ सेवानिवृत) के लिए यू हेल्थ स्मार्ट कार्ड नाम से एक योजना आरंभ की, जिसके अंतर्गत कर्मचारियों व उनके परिवारों को बीमारी के दौरान इलाज में स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिल सके। इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए हेल्थ सेक्टर में काम करने वाली महाराष्ट्र की एमडी इंडिया हेल्थ केयर (टीपीए) प्रा.लि. कंपनी के साथ अनुबंध किया गया, जिसमें 1.4 करोड़ की सालाना राशि पर उत्तराखंड शासन और एमडी इंडिया के मध्य एमओयू साइन हुआ। योजना की शुरुआत में एमडी इंडिया कंपनी को राज्य के लगभग 225 लाख कर्मचारियों/पेंशनर्स के लिए यू हेल्थ स्मार्ट कार्ड बनाने थे, जिससे कर्मचारी 1 अप्रैल 2011 से योजना के लिए सूचीबद्ध किए हुए राज्य के विभिन्न चिकित्सालयों में कैशलेश उपचार का लाभ ले सकें, किंतु एक वर्ष बीत जाने के बाद भी एमडी इंडिया मात्र 5500 कार्ड ही बना पाई और अब तक इस कार्य के एवज में वह 70 लाख रुपये तक का भुगतान लेने सफल हो चुकी थी।
अपनी इन तमाम कारगुजारियों के दौरान अचानक एमडी इंडिया ने बीच में ही योजना के लिए अपनी सेवाएं देना बंद कर दिया, जिससे कर्मचारियों के स्मार्ट कार्ड बनने की प्रक्रिया रुक गयी व जिनके कार्ड बन चुके थे, उनकी कैशलेश सुविधा बाधित हो गई। यह प्रकरण जब शासन में पहुंचा तो कंपनी द्वारा अचानक बीच में कार्य करना बंद कर देने से नाराज तत्कालीन प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, रणबीर सिंह ने अगस्त 2012 में एमडी इंडिया (टीपीए) प्रा.लि. को योजना से निष्कासित करने के निर्देश दे दिए और 7 अगस्त 2012 के बाद योजना संचालन व चिकित्सालयों से प्राप्त समस्त दावों के अनुमोदन और निस्तारण का कार्य चिकित्सा निदेशालय के यू हेल्थ प्रकोष्ठ को सौंप दिया।
इस बीच सचिवों के कार्यक्षेत्र में बदलाव होने के बाद रणबीर सिंह के हटने के बाद चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग का जिम्मा वरिष्ठ नौकरशाह ओम प्रकाश के हाथों में आ गया। इसी दौरान हरीश रावत ने भी राज्य के वोटर्स को लुभाने के लिए मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा (एमएसबीवाई) के नाम से एक योजना शुरू की। तमाम उठापठक के साथ चल रही एमएसबीवाई योजना को जब कुछ बदलाव के साथ दूसरे चरण के लिए तैयार किया गया तो योजना को संचालित करने हेतु एक बार फिर एमडी इंडिया हेल्थ केयर (टीपीए) प्रा.लि. को अनुबंधित किया गया। प्रमुख सचिव के बदलते ही एमडी इंडिया की किस्मत भी बदल गई। विभाग के पूर्व सचिव द्वारा दिए गए आदेशों को दरकिनार कर एमएसबीवाई योजना में टीपीए के कार्य हेतु एमडी इंडिया कंपनी को शामिल करने से वर्तमान सचिव ओम प्रकाश की नीतियों पर संदेह होने लगता है कि वह सरकारी योजनाओं के संचालन में भ्रष्टाचार के प्रति कितने गंभीर हैं। संदेह और गहरा जाता है जब ओमप्रकाश वर्तमान में भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टोलरेंस की बात कहने वाले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की सरकार में भी प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री हैं।

क्या काम करता है टीपीए

किसी भी स्वास्थ्य बीमा योजना को धरातल पर इम्प्लीमेंट करने में टीपीए की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है। प्रोजेक्ट के लिए फील्ड सर्वें करने से लेकर सूचीबद्ध चिकित्सालयों में स्मार्ट कार्ड रीडर की व्यवस्था सुनिश्चित करना, लाभार्थियों को बीमा कार्ड बनाना व उन्हें निर्गत करना, लाभार्थी के बिल का अनुमोदन कर 15 दिन के भीतर चिकित्सालय को भुगतान की प्रक्रिया अमल में लाना व हेल्पलाइन की स्थापना और रखरखाव आदि कार्य टीपीए द्वारा ही क्रियान्वित किए जाते हैं।


Previous Post

भारी पड़ा आई.ए.एस. लॉबी से पंगा

Next Post

पडऩे लगा फरक

Next Post

पडऩे लगा फरक

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *






पर्वतजन पिछले २3 सालों से उत्तराखंड के हर एक बड़े मुद्दे को खबरों के माध्यम से आप तक पहुँचाता आ रहा हैं |  पर्वतजन हर रोज ब्रेकिंग खबरों को सबसे पहले आप तक पहुंचाता हैं | पर्वतजन वो दिखाता हैं जो दूसरे छुपाना चाहते हैं | अपना प्यार और साथ बनाये रखिए |
  • कर्णप्रयाग में श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल ने लगाया विशाल स्वास्थ्य शिविर, 1585 मरीजों ने उठाया लाभ
  • बड़ी खबर: : मौखिक परीक्षा के दौरान प्रोफेसर ने की कई छात्राओं से छेड़छाड़।कॉलेज में हंगामा, प्रोफेसर गिरफ्तार 
  • श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय ने खिलाड़ियों को दिलाई चॉपर राइड, बोले- I Love SGRRU
  • बड़ी खबर: देवभूमि गोल्ड कप में भिड़ेंगी देश की टॉप टीमें। चमकेंगे IPL स्टार्स..
  • वायरल वीडियो : मेरे होते हुए किसी की औकात नहीं, जो गरीबों की जमीन पर कब्जा करे।
  • Highcourt
  • उत्तराखंड
  • ऋृण
  • निवेश
  • पर्वतजन
  • मौसम
  • वेल्थ
  • सरकारी नौकरी
  • हेल्थ
May 2025
M T W T F S S
 1234
567891011
12131415161718
19202122232425
262728293031  
« Apr    

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

error: Content is protected !!