कृष्णा बिष्ट
आज हम बड़ी शान से गणतंत्र दिवस समारोह मना रहे हैं। राजपथ पर विभिन्न अस्त्र-शस्त्रों से लैस हमारे देश की तीनों सेनाओं की झांकियां देश की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा के प्रति हमें आश्वस्त कर रही है किंतु अपने ही देश में अपने ही परिवार के अंदर विभिन्न जाति धर्म और मान्यताओं की कैद में आधी आबादी किस तरह से कसमसा रही है, इस तरफ किसी का ध्यान नहीं। धार्मिक मान्यताओं और रूढ़ियों की बेड़ियों तले जकड़ी एक युवती ने मुस्लिम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपनाया तो हमारे देश की तथा प्रदेश की सामाजिक और कानूनी व्यवस्था अभी इतनी परिपक्व नहीं हुई है कि वह यह निर्णय लेने के बाद भी खुलेआम आ जा सके। हालात यह है कि आजादी की चाह में धर्म परिवर्तन करने वाली यह युवती आजकल भूमिगत है और हमारी सरकारों को इसकी कोई परवाह नहीं।
मुस्लिम धर्म छोड़कर हिंदू बनी युवती धर्म परिवर्तन के बाद से हल्द्वानी में नहीं है। पर्वतजन के सूत्रों के अनुसार युवती को हिंदू संगठनों ने सुरक्षा की दृष्टि से जनपद से बाहर छुपा रखा है ताकि फिलहाल युवती पर कोई हमला आदि न हो। हालांकि युवती का कहना है कि उसे पुलिस सुरक्षा भी मिली हुई है।
शहनाज से सुनीता बनी 22 वर्षीय युवती पांच बहने हैं और उनका एक भाई है। मां समशिरा की मृत्यु हो चुकी है तथा पिता मकबूल अहमद हार्ट के पेशेंट हैं।
घर में कमाने वाली और घर चलाने वाली शहनाज से सुनीता बनी युवती फिलहाल घर में नहीं है। जाहिर है कि वह अपने काम पर भी नहीं जा पा रही है। जिन रिश्तेदारों की टोकाटाकी से तंग आकर युवती ने यह कदम उठाया, क्या वह उसके परिवार की मदद कर रहे होंगे या नहीं यह भी एक बड़ा सवाल है!
यह था मामला
हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र की मुस्लिम युवती शहनाज़ के हिन्दू धर्म अपनाने की खबर 19 जनवरी को जैसे ही लोगों के सामने आई तो हर कोई हैरान था।
मामला दो धर्मो से जुड़ा होने के कारण प्रशासन भी हरकत मे आ गया क्योंकि हल्द्वानी मे ये इस तरह का अपने–आप मे पहला मामला था।
20 जनवरी को जब युवती मीडिया के सामने आई तो उसने बताया कि उस ने अपना धर्म बिना किसी के दबाव मे अपनी इच्छा से परिवर्तन कर लिया है, और अपना नाम शहनाज़ से बदल कर सुनीता रख लिया है, लिहाज़ा आज से लोग उसे सुनीता के नाम से जानें।
इसके लिये वह नगर आयुक्त के सम्मुख उपस्थित हो के शपथ पत्र भी दे चुकी है। उस का कहना था कि उस को दिल की बीमारी है और यह सब जानने के बाद भी उस के घर वाले उस पर शादी करने का दबाव लगातार बना रहे थे जिसके लिये वह बिलकुल भी राज़ी नहीं थी।
युवती का कहना था उस के परिजन को उस के बाहर काम करने से भी आपत्ति थी। हालांकि जिस दिन युवती ने धर्म परिवर्तन कराया, उसके बाद से वह सार्वजनिक रूप से मुखातिब होने से बच रही है किंतु उस दिन उन्होंने खुलकर अपने दिल के उद्गारों का इजहार किया और कहा कि मुस्लिम धर्म में अपनी मर्जी से युवतियां सांस भी नहीं ले सकती।
हिन्दू धर्म मे महिलाओं को जो आज़ादी व अधिकार हैं वह और किसी धर्म मे नहीं हैं, जिस कारण उस ने हिन्दू धर्म अपनाने का सोचा !
युवती ने तीन तलाक को लेकर आए हालिया फैसले की तारीफ करते हुए कहा कि तीन तलाक बेहद आपत्तिजनक है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काबिले-तारीफ काम किया है।मुस्लिम धर्म छोड़ने के बाद युवती ने तत्काल हिंदू महासभा की सदस्यता भी ग्रहण कर ली।
युवती से बातचीत के अनुसार वह जिस दुकान में काम करती थी, वहां पर हिंदू महासभा के एक युवक का भी आना जाना था जिसे वह भाई कहती है।
शहनाज से सुनीता बनी युवती का मानना है कि उसने कभी भी धार्मिक भेदभाव को नहीं माना और सभी धर्मों की अपनी अपनी जगह अपना अपना सम्मान है। किंतु आनेजाने काम करने तथा तमाम पाबंदियों के कारण वह मुस्लिम धर्म छोड़ चुकी है। यह सब बातें आप इसी रिपोर्ट में दिए वीडियो में भी युवती के मुंह से सुन सकते हैं।
20 जनवरी के बाद से सुनीता उर्फ़ शहनाज़ कहां है यह किसी को नहीं पता किन्तु पर्वतजन को अपने सूत्रों से पता चला है की सुनीता को उस की सुरक्षा की दृष्टि से ऊधमसिंह नगर के जिस गुप्त स्थान पर रखा गया है, वहां वह सुरक्षित है !