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किस की मिलीभगत से भागीरथ नदी भागीरथी नदी में हो रहा अवैध खनन ?

कलेक्ट्रेट से 500 मीटर दूरी पर एनजीटी को दिखाया जा रहा ठेंगा।आपदा प्रबंधन को नहीं है जानकारी। राजस्व विभाग भी शिकायत के बाद लेगा संज्ञान ? क्या यही है आपदा प्रबंधन ? क्या इसी तरह से फॉलो किए जाते हैं कानून?

गिरीश गैरोला 

उत्तरकाशी में एनजीटी के नियमों को ताक पर रखकर धड़ल्ले से भागीरथी नदी के सीने को JCB मशीन से खोदा जा रहा है। कलेक्ट्रेट जिला मुख्यालय से 500 मीटर की दूरी पर तिलोंथ  पुल के नीचे सरकारी निर्माण कार्य की आड़ में उपखनिज का अवैध दोहन धड़ल्ले से जारी है । उत्तरकाशी मुख्यालय को मानपुर- लम्ब गांव से जोड़ने वाली  सड़क पर तिलोथ पुल वर्ष 2012 -13 की आपदा में ध्वस्त हो गया था जिसके बाद पुल के एक पाये  को और मजबूत करने एवं दूसरे छोर पर नया पाया बनाने के बाद वैली ब्रिज को हटाकर नए स्थाई पुल का निर्माण किया जाना है ।मौके पर ठेकेदार द्वारा नियमों को  ठेंगा दिखाया जा रहा है ।आप देख सकते हैं किस तरीके से JCB मशीन नदी के सीने को गहराई तक चीर कर खोद रही है ।  पुल के पाए से 500 मीटर दूर तक मशीन की खुदाई जारी है और रेत के ढेर बता रहे हैं कि किस तरीके से एनजीटी के नियमों को विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से ठेंगा दिखाया जा रहा है । इस संबंध में आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि उनकी जानकारी में यह तो है कि तिलोथ में अस्थाई पुल के स्थान पर स्थाई पुल निर्माण हेतु कार्य चल रहा है किंतु वहां अवैध खनन हो रहा है इस संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

जबकि एसडीएम भटवाड़ी देवेंद्र सिंह नेगी  की माने तो निर्माण कार्य में जेसीबी से नदी में खुदाई करना गैरकानूनी है अगर ऐसा हुआ है तो मौके पर जांच कर नियमानुसार कार्यवाही करेंगे । पर कार्यवाही कब होगी इसका इंतजार लंबा हो सकता है।

– आपदा प्रबंधन कक्ष से महज  500 मीटर की दूरी पर नदी में हो रहे अवैध खनन को लेकर आपदा प्रबंधन अधिकारी का बयान काबिलेगौर है। हो सकता है आपदा के लिहाज से नदी को खाली करना उचित हो किंतु  क्या इसके लिए आसपास के सभी निजी एवं व्यवसायिक भवनों के निर्माण के लिए ऐसी ही अनुमति दी जा सकती है?

अगर नही तो अधिकारी आखिर देख क्या रहे है क्या किसी को भूख हड़ताल के लिए दावत दी जा रही है?

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