गिरीश गैरोला
आमतौर पर चार धाम यात्रा गंगोत्री यमुनोत्री के कपाट बंद होने के साथ ही थम जाती है और उसके साथ चारधाम यात्रा मार्ग पर भी सन्नाटा छा जाता है। होटल व्यावसायी भी अपने प्रतिष्ठान बंद कर निचले इलाकों में चले आते हैं।
ज्यादातर ग्रामीण भी निचले इलाकों में अपने घरों में चले आते हैं। जिसके चलते बिजली , पानी और सड़क की को दुरुस्त रखना अब तक जरूरी नहीं समझा जाता था।किंतु विंटर टूरिज्म के कांसेप्ट विकसित होने के बाद पर्यटन की परिभाषा बदल सी गई है।
गर्मियों में भीड़ भाड़ और धक्का-मुक्की से हटकर कड़कती शर्दी में देव दर्शन की अभिलाषा पर्यटकों को साहसिक पर्यटन का एहसास कराती है। जिसके साथ प्रकृति से ईश्वर के जुड़े होने का भाव पैदा होता है। देव दर्शन और योग ध्यान इत्यादि का भी मार्ग प्रशस्त होता है। राकेश सजवान और राजीव सिंह के नेतृत्व में 16 बाइकर्स की टीम गंगोत्री धाम शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विंटर बाइकिंग करके लौटी है।
इस टूर से जुड़े प्रभात पांडे , राजीव, कमलजीत , राम और राकेश सजवाण ने बताया कि देहरादून, दिल्ली लखनऊ से बाइकर्स यहां पहुंच रहे हैं। धराली से गंगोत्री तक बर्फीले सड़क मार्ग पर बाइक चलाना अपने आप में थ्रिलर एडवेंचर है । उन्होंने कहा असुविधा से बचने के लिए सपोर्ट वाहन में बाइक के स्पेयर पार्ट्स और खाने पीने की चीजें रखी जाती हैं ।उन्होंने स्थानीय लोगों के साथ जिला प्रशासन और सरकार से अपील की है। विंटर टूरिज्म बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए ताकि स्थानीय लोगों को 12 महीने चार धाम यात्रा पर मार्ग पर रोजगार मिल सके।