राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के अंतर्गत उत्तराखण्ड में स्थापित होगी देश की पहली राजकीय सैक्स सोर्टेड सीमन प्रयोगशाला
किसानों व पशुपालकों की आय वृद्धि की दिशा में बड़ा कदम
अब बॉलीवुड की फिल्म विकी डोनर की तर्ज पर पशुपालक भी दुग्ध उत्पादन के लिए मनचाहे पशुओं का वीर्य प्राप्त कर सकेंगे इससे पशुओं की नस्ल सुधार में क्रांतिकारी बदलाव आ सकता है।
ऋषिकेश के श्यामपुर में सैक्स्ड सीमन सॉर्टेड प्रयोगशाला की आधारशिला पड़ गई है। इसी के साथ उत्तराखंड देशभर में पहले नंबर पर आ गया है, जो स्वदेशी व शंकर नस्ल वाले पशुओं का सेक्स्ड सॉर्टेड सीमन तैयार करने वाला प्रदेश होगा।
शनिवार सुबह 10:30 केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ पशुपालन मंत्री रेखा आर्य एवं सहकारिता एवं डेरी राज्य मंत्री धन सिंह रावत ने अतिहिमीकृत वीर्य उत्पादन केन्द्र श्यामपुर, ऋषिकेश में राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के अन्तर्गत सैक्स सोर्टेड सीमन प्रयोगशाला का शिलान्यास किया।
47 करोड़ रुपए की राशि से बनने वाले सेंटर में अब उत्तराखंड नया कीर्तिमान स्थापित करने की ओर कदम बढ़ा चुका है। इसमें उत्तराखंड सरकार की ओर से पौने चार करोड़ रुपए दिए जाएंगे।
उत्तराखण्ड राज्य में स्थापित Sex Semen केन्द्र देश का प्रथम राजकीय संस्थान होगा। जहां पर पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से मादा बछिया उत्पन्न किये जाने की तकनीक विकसित की जायेगी, जिसका सीधा लाभ राज्य के पशुपालकों के दुग्ध उत्पादन में वृद्धि एवं कृषकों की आय दोगुनी करने में प्राप्त होगा।
केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार किसानों के कल्याण के लिए पिछले 4 सालों में पूर्ण समर्पण के साथ कार्य कर रही है। सरकार के प्रयासों से देश के 700 से अधिक कृषि वैज्ञानिक लैब से निकलकर जमीनी परीक्षण के लिए फील्ड लेवल तक पहुंचाए हैं। पशुपालन, गांव की आर्थिकी की रीढ़ है। हमारा देश पशुपालन में पहले पायदान में होने के बावजूद यहां उत्पादकता में कमी है। हमें वार्षिक वृद्धि दर के साथ-साथ उत्पादन बढ़ाने पर जोर देना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय गोकुल मिशन देशी नस्ल के गौ वंश का संरक्षण कर उनकी दुग्ध उत्पादकता को बढ़ाना है। ऋषिकेश में स्थापित की जा रही सीमन प्रयोगशाला की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होगी। पशुपालन के माध्यम से किसानों की आय वृद्धि के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। राज्य सरकार का प्रयास है कि वर्ष 2021 तक ऐसी व्यवस्था कर ली जाए, जिससे हमारे गौवंश सड़कों पर आवारा न घूमें, बल्कि किसानों की आजीविका के साथी बनें।
पशुपालन के सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम कहते हैं कि बद्री नस्ल की गायों की दुग्ध उत्पादकता बढ़ाने में कुछ सफलता प्राप्त हुई है। इसे और अधिक बढ़ाने की कोशिश की जा रही है।
सुंदरम कहते हैं कि,-“वर्तमान में पशुपालकों को 1400 से 1500 रुपए प्रति स्ट्रा मिल रहा है। इस सेंटर के शुरू होने के बाद पशुपालकों को अत्यधिक कम दरों पर सीमन उपलब्ध कराया जाएगा।”
पशुपालन राज्य मंत्री श्रीमती रेखा आर्या कहती हैंं कि इस केंद्र के उत्तराखंड में खुलने से इसके दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे। आने वाले समय में इससे पशुपालकोंं की आय में जबरदस्त इजाफा होगा। इसके अलावा अन्य प्रदेशों में भी यहां से स्वदेशी एवं शंकर नस्ल के पशुओं का सीमन भेजा जाएगा। पशुपालकों में भी इससे जबरदस्त उत्साह देखने को मिलेगा और वह और इसमें और अधिक रुचि लेंंगे।
यूएलडीबी के अधिशासी अधिकारी एमएस नयाल ने बताया कि इस प्रयोगशाला के माध्यम से वर्गीकृत लिंग के वीर्य उत्पादन किया जा सकेगा। जिसके फलस्वरूप मादा बछिया पैदा की जा सकेगी। यह प्रयोगशाला अतिहिमीकृत वीर्य उत्पादन केंद्र श्यामपुर ऋषिकेश में स्थापित की जा रही है। इस परियोजना के लिए उत्तराखंड लाइवस्टॉक डेवलपमेंट बोर्ड को नोडल एजेंसी बनाया गया है।
पशुपालन निदेशक डा. के.के. जोशी बताते हैं कि यह केंद्र देशभर में पहला ऐसा संस्थान होगा, जहां कृत्रिम गर्भाधान के माध्यम से मादा बछिया पैदा करने की तकनीक विकसित की जाएगी। इससे प्रदेश के किसानों का पशुधन बढ़ेगा।
इस अवसर पर सचिव पशुपालन आर. मीनाक्षी सुंदरम, यूएलडीबी देहरादून के मुख्य अधिशासी अधिकारी एमएस नयाल, पशुपालन विभाग के निदेशक डा. के.के. जोशी, अपर निदेशक पशुपालन विभाग डा. प्रेम कुमार, डा. अशोक कुमार, प्रभारी अतिहिमीकृत वीर्य उत्पादन केंद्र श्यामपुर डा. अशीम देव, वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी डा. अमित अरोड़ा, डा. अदिति, पशु चिकित्सा सेवा संघ के अध्यक्ष डा. कैलाश उनियाल एवं वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी सदर देहरादून भी उपस्थित थे।