गिरीश गैरोला उत्तरकाशी//
जिला पंचायत अध्यक्ष जसोदा राणा ने सीडीओ उत्तरकाशी पर लगाए गंभीर आरोप
अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत के प्रभारी के तौर पर अनियमितता का आरोप
एक ही दिन में बिना जेई के 660 इस्टीमेट तैयार कर एक करोड़ 94 लाख 67 हजार का एडवांस चेक तैयार कर सिंचाई विभाग अवस्थापना खंड को देने के आरोप
जिला पंचायत सदस्य दीपक बिजल्वाण पर भी मिलीभगत के बाद ब्लैक मेलिंग का आरोप
8 दिनों से चल रहे धरने के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष उत्तरकाशी जसोदा राणा ने जिस तरह से ब्लास्टिंग के साथ आंदोलन का पटाक्षेप किया, उसके छींटे आईएएस विनीत कुमार के गिरेबान तक भी पहुंचे
हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष जशोदा राणा ने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपने ही जिला पंचायत सदस्य दीपक बिजल्वाण पर भी साजिश में शामिल होकर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाकर सनसनी फैला दी है। इसके संबंध में उन्होंने ऑडियो वीडियो और कुछ दस्तावेज मीडिया को दिए है।
गौरतलब है कि जिला पंचायत के कर्मचारी विगत आठ दिनों से हड़ताल पर चल रहे थे। आरोप था कि नियम से हटकर कार्य करने का उन पर दबाव बनाया जा रहा था। साथ ही विभागीय कर्मचारियों को दरकिनार कर सिंचाई विभाग अवस्थापना खंड को एक करोड़ 94 लाख 67 हजार का अग्रिम चेक तैयार किया गया।
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पत्रकार वार्ता में अध्यक्ष जिला पंचायत ने पूरे आरोपों का ठीकरा अपर मुख्य अधिकारी का प्रभार देख रहे सीडीओ विनीत कुमार और जिला पंचायत सदस्य दीपक बिजल्वाण पर फोड़ दिया कि एक ही दिन में बिना जेई के 666 एस्टीमेट बनाकर अग्रिम के रूप में करोड़ों रुपए अवस्थापना खंड सिंचाई विभाग को देने के लिए दबाव बनाया गया।
अध्यक्ष राणा ने आरोप लगाया कि जिस विभाग के अभियंता को करोड़ों का चैक देने की तैयारी थी वह एक भी दिन जिला पंचायत में नहीं आया और इन सबमें जिला पंचायत अध्यक्ष की कोई अनुमति नहीं ली गयी।
इधर सीडीओ विनीत कुमार, जो अपर मुख्य अधिकारी का भी प्रभार देख रहे हैं, ने बताया कि उन्होंने 4 जुलाई को ज्वाइन किया था और इससे पहले ही अध्यक्ष द्वारा अन्य विभाग से कार्य करने की फाइल गतिमान थी। सीडीओ ने अध्यक्ष के 29 जुलाई के पत्र का हवाला दिया है, जिसमें अपर मुख्य अधिकारी से विभागीय सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंता के न होने के चलते अन्य विभागों से जारी करने के लिए कहा गया है।
उन्होंने बताया कि उनपर 50 प्रतिशत धन अग्रिम देने का दबाव बनाया गया था, जिसे उन्होंने इनकार कर दिया था। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता गुनादत्त शर्मा को जिला पंचायत के सहायक अभियंता का अतिरिक्त प्रभार देते हुए कार्य शुरू करने के लिए अग्रिम धन स्वीकृत किया था।
वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष जशोदा राणा ने 29 जुलाई के पत्र पर टिप्पणी दी कि यह पत्र उनके द्वारा जरूर लिखा गया, किंतु अपर मुख्य अधिकारी को भेजा ही नहीं गया, क्योंकि 1 अगस्त को विभाग में कनिष्ठ अभियंता विरेन्द्र गुसांई ने ज्वाइन कर लिया था। अब अपर मुख्य अधिकारी तक पत्र कैसे पहुंचा, इस पर उन्होंने जांच की बात कही है।
ग्राम स्तर से ब्लॉक स्तर और अंत मे जिला स्तर पर विकास की योजनाओं का चयन ही लोकतंत्र की खूबी रही है, किंतु अध्यक्ष के चुनाव में जिस तरीकों से सदस्यों की खरीद-फरोख्त की जाती है, उसके बाद लोक तो जैसे गायब ही हो गया और बच गया सिर्फ तंत्र। जिला पंचायत मामले में यही हुआ है।