बागेेश्वर के विधायक चंदनराम दास बेहद विनम्र विधायकों में गिने जाते हैैं। क्षेत्र के विकास कार्यों की फाइल बगल में दबाकर सचिवालय में घूमते उन्हें अक्सर देखा जा सकता है। फिर भी कुछ काम अधूरे रह ही जाते हैं। पिछले दिनों क्षेत्र की पब्लिक उनके पास आई और कुछ कार्यों में काफी समय लगने के बाद भी शुरू न होने के लिए आक्रोश जताने लगी। विधायक जी हाथ जोड़कर विनम्र मुद्रा में चुटकी लेते हुए बोले,- ”मैं तो आपका पुश्तैनी सेवक हूं। मेरे दादा और पिता आपकी सेवा में ही रहते थे। मेरे दादा ने आपके दादा लोगों को नचाया। उसके बाद मेरे पापा लोगों ने आपके पापा लोगों को नचाया। अब मैं हूं, तो मैं भी आप लोगों को नचा रहा हूं।” मिलने आए लोगों को समझ में नहीं आया कि विधायक जी कौन से नचाने की बात कर रहे हैं। अब हुड़का बजाकर नचवाने का काम तो विधायक जी के परिवार में कोई करता नहीं, जब तक उनकी समझ में आया, तब तक विधायक जी खिसक चुके थे।