देवभूमि हरिद्वार में खनन का खूनी खेल बदस्तूर जारी है। इसे सरकार और प्रशासन की मिलीभगत ही कहा जा सकता है कि खनन माफियाओं को कानून का कोई भय नहीं रहा। वे सरकारी अधिकारियों पर भी जानलेवा हमला करने से नहीं डरते हैं। ‘दि संडे पोस्ट’ अपने शुरूआती समय से ही प्रदेश में चल रहे अवैध खनन के खिलाफ खबरें कर रहा है। जिससे ‘दि संडे पोस्ट’ के संवाददाताओं पर जान का खतरा बना रहता है। फिर भी यह अखबार अपने कर्तव्य से डिगा नहीं है।
इसी सप्ताह 22 नवंबर को ‘दि संडे पोस्ट’ के हरिद्वार संवाददाता अरुण कश्यप खनन पर विस्तृत खबर करने के लिए पथरी क्षेत्र गए थे। उनके साथ हरिद्वार के ही दो और पत्रकार थे। इन्हें एक्कड़ खुद निवासी अरशद ने बताया कि उनके खेत को माफिया रोजाना जेसीबी से खोद कर तहस-नहस कर रहे हैं। पथरी थाना प्रभारी को कई बार इस बाबत शिकायत की मगर कार्यवाही नहीं की गई।
अरशद का मानना है कि उनके खेत में जेसीबी से खुदाई थाना प्रभारी की मिलीभगत से हो रही है। अरशद से मिली इस जानकारी पर ही अरुण कश्यप खबर करने के लिए उनके खेतों पर गए। अवैध खनन क्षेत्र में जाने से पहले ही इन्होंने पथरी क्षेत्र के एसओ (थानाध्यक्ष) गजेंद्र बहुगुणा को फोन पर सूचित कर दिया था। पथरी के डाण्डी चैक से थोड़ी दूरी पर ही इन लोगों को मिट्टी से भरे ट्रैक्टर, ट्राॅली और ट्रक आते-जाते दिखाई दिए। संवाददाताओं ने मौके पर पहुंचकर उनका फोटो और वीडियो बनाना शुरू किया तो वहां मौजूद कथित माफियाओं ने उन पर हमला कर दिया।
वहां मौजूद मुर्सलीन, आजाद, कुर्बान, फईम आदि ने 8-10 लोगों के साथ तीनों पत्रकारों को पकड़कर लाठी-डंडों से पीटना शुरू कर दिया। इन लोगों ने पत्रकारों से सोने की अंगूठी, तीनों के मोबाइल और दस हजार रुपए छीन लिये। विरोध करने पर कथित माफियाओं ने फोन कर कुछ और लोगों को भी वहां बुलाकर सभी पत्रकारों को पीटा। अरुण ने बताया कि एक ग्रामीण की शिकायत पर हमलोग खबर करने गए थे। वहां पहुंचने पर माफियाओं ने हम तीनों को पकड़ लिया और पीटने लगे बाद में माफियाओं ने अपनी बात कहवा कर वीडियो बनवाया। कई सफेद कागजों पर साइन भी करवा लिया। नहीं करने पर वह पीछे से डंडों से मारते थे।’
किसी तरह पत्रकारों ने अपनी जान बचाई और वहां से निकले। वहां से निकलने के बाद पत्रकारों ने पूरी घटना की जानकारी रात में ही एसएसपी, जिलाधिकारी और एसपी क्राइम को फोन पर दी। तीनों पत्रकारों ने जिला अस्पताल में अपना मेडिकल भी करवाया। मेडिकल में तीनों को गंभीर चोट पहुंचने की बात है। इन्होंने सभी अधिकारियों से कार्यवाही करने का आग्रह भी किया। मगर अभी तक किसी भी माफिया पर कार्यवाही नहीं की गई है।
गौरतलब है कि ‘दि संडे पोस्ट’ संवाददाता अरूण कश्यप ने पथरी थाना के एसओ गजेंद्र बहुगुणा को खनन क्षेत्र में जाने की सूचना पहले ही दे दी थी। ये वही एसओ हैं जिन्होंने एक
बहुचर्चित गैंगरेप आरोपियों को क्लीनचिट दी थी। उक्त बहुचर्चित गैंगरेप की खबर जब ‘दि संडे पोस्ट’ ने की तब प्रधानमंत्री कार्यालय ने प्रदेश सरकार को उस मामले की पुनः जांच करने के निर्देश दिए। पथरी थाना के एसओ
‘दि संडे पोस्ट’ के संवाददाता से इस खबर के बाद से क्रोधित थे। यही कारण है कि पथरी थाना अभी तक पत्रकारों को पीटने वाले माफियाओं को गिरफ्तार नहीं कर सका है। उल्टा हमलावर माफिया की शिकायत पर पत्रकारों के खिलाफ ही मामला दर्ज कर लिया गया है। जबकि पत्रकार 22 नंबर को ही जिलाधिकारी, एसएसपी, एसपी क्राइम को घटना की जानकारी देकर कार्यवाही के लिए आग्रह कर चुके थे। इसके बावजूद उनकी रिपोर्ट दर्ज करने के बजाए उन्हें जांच कराने की बात कह दी गई।
हरिद्वार की यह घटना सिर्फ तीन पत्रकारों पर हमला नहीं है बल्कि यह देवभूमि में लोकतंत्र के चैथे स्तंभ पर हमला है। जो नेताओं और अधिकारियों की शह पर माफिया लोग कर रहे हैं। हरिद्वार में अवैध खनन अब खूनी खेल में परिवर्तित हो गया है।