पर्वतजन
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
पर्वतजन
No Result
View All Result
Home पर्वतजन

बनाई ऐसी गाड़ी-मुंह फेरे कबाड़ी

July 19, 2017
in पर्वतजन
ShareShareShare

भूपेंद्र कुमार

दुर्घटना में क्षतिग्रस्त कार की समय पर मरम्मत करने की बजाय डीडी मोटर्स प्रबंधन ने सालभर तक गाड़ी को खड़े-खड़े सड़ा दिया।

देहरादून की सड़कों पर हर महीने हजारों नई गाडिय़ां उतर जाती हैं, किंतु एक बार शोरूम से गाड़ी बिक जाने के बाद शोरूम मालिक इनके ग्राहकों से भी मुंह फेर लेते हैं। नतीजतन गाडिय़ों की मरम्मत, सर्विसिंग आदि के लिए ग्राहक इन शोरूमों के सर्विस सेंटरों का चक्कर लगाता रह जाता है, जबकि शोरूम मालिक गाड़ी का बीमा भी करते हैं और जल्द से जल्द गाड़ी ठीक करने और कैशलेस सुविधा की भी गारंटी देते हैं, किंतु वास्तव में ऐसा नहीं है।
वर्ष २०१५ में मदन लाल नामक व्यक्ति ने डीडी मोटर्स देहरादून से ओमनी मारुति वैन खरीदी थी। डीडी मोटर्स ने इस वैन का बाकायदा एसबीआई जनरल इंश्योरेंंश से बीमा कराया गया था, किंतु यह गाड़ी ७ सितंबर २०१५ को दुर्घटनाग्रस्त हो गई। मदन लाल इस वाहन को डीडी मोटर्स के वक्र्सशॉप में मरम्मत के लिए ले गए, किंतु दुर्भाग्यवश इस बीच वह बीमार पड़ गए और उनकी मृत्यु हो गई।
उनकी मृत्यु के पश्चात डीडी मोटर्स देहरादून से उनके घरवालों को यह सूचना मिली कि वह गाड़ी उनके यहां क्षतिग्रस्त हालत में खड़ी है। मदनलाल के बेटे ने डीडी मोटर्स से मुलाकात की। डीडी मोटर्स ने गाड़ी के कागजात देखकर कहा कि वे बीमा कंपनी को सूचित करके गाड़ी का सर्वे करवाएंगे, ताकि क्लेम की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा सके।
डीडी मोटर्स की ओर से प्रीतेश जोशी नामक सर्वेक्षक ने उक्त गाड़ी का सर्वे किया और क्लेम के पंजीकृत न होने की बात कहते हुए गाड़ी की मरम्मत कैशलैस सुविधा के अंतर्गत कराने से इंकार कर दिया, किंतु जब बीमा कंपनी से हकीकत मालूम की गई तो पता चला कि सर्वेक्षक प्रीतेश जोशी जान-बूझकर तंग करने की नीयत से उन्हें गुमराह कर रहा था।
हकीकत यह थी कि उस वक्त तक बीमा कंपनी ने गाड़ी में हुए नुकसान का आंकलन करने के लिए कोई सर्वेयर ही नियुक्त नहीं किया था। बीमा कंपनी द्वारा क्लेम पंजीकृत करने के बाद ही सर्वेयर नियुक्त किया जाता है। पोल खुलने से बौखलाए डीडी मोटर्स ने गाड़ी अपने गैराज में खड़े करके क्लेम और मरम्मत की कार्यवाही पर जानबूझकर अड़ंगा लगा दिया और डीडी मोटर्स के एजीएम अनूप वर्मा और सर्वेयर प्रीतेश जोशी ने जानबूझकर स्व. मदनलाल के परिवार को परेशान किया।
स्व. मदनलाल के परिजनों के कई चक्कर काटने के बाद भी लगभग एक साल तक क्लेम का दावा पंजीकृत न करने पर मृतक मदन लाल की पत्नी रेनू मेहरा ने मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया।
३० जून २०१६ को रेनू मेहरा ने मानवाधिकार आयोग में अपनी शिकायत दर्ज कराई। आयोग से फटकार के बाद एसबीआई जनरल इंश्योरेंश ने २ सितंबर २०१६ को सर्वेयर नियुक्त किए जाने की सूचना दी।
मानवाधिकार आयोग के डंडे के बाद बीमा कंपनी द्वारा वही सर्वेयर प्रीतेश जोशी को नियुक्त कर दिया और क्लेम भी स्वीकृत हो गया। ये वही सर्वेयर हैं जो पहले सर्वे कर लेते हैं और फिर क्लेम रजिस्टर्ड न होने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ देते हैं। कंपनी द्वारा इतना सब होने पर भी सिर्फ उसी सर्वेयर को नियुक्त किया जाता है, जबकि देहरादून में २७ सर्वेयर और हैं। क्लेम स्वीकृत होने के बाद तथा जनवरी २०१७ में बीमा कंपनी से क्लेम का भुगतान प्राप्त करने के बावजूद डीडी मोटर्स गाड़ी की मरम्मत के प्रति इतना उदासीन रहा कि मरम्मत का कार्य लंबे समय तक अधूरे में लटका कर रखा।
ऐसा नहीं है कि शोरूम के मालिक क्षतिग्रस्त गाडिय़ों की मरम्मत से पूरी तरह मुंह फेर लेते हों। इनके लिए तो क्षतिग्रस्त गाडिय़ों की मरम्मत भी एक बड़ा फायदे का गोरखधंधा है। ऐसे कई प्रकरणों का खुलासा पर्वतजन पहले भी कर चुका है कि किस तरह से गाडिय़ों के शोरूम क्षतिग्रस्त गाडिय़ों को और भी अधिक क्षतिग्रस्त करके बढ़ा-चढ़ाकर बीमा के नाम पर मोटी कमाई कर रहे हैं।
डीडी मोटर्स इस गाड़ी की मरम्मत के प्रति कितना उदासीन है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह गाड़ी ८ सितंबर २०१५ को डीडी मोटर्स की वक्र्सशॉप में खड़ी की गई थी, किंतु डीडी मोटर प्रबंधन की ओर से गेट पर इसकी कोई एंट्री नहीं थी और न ही गाड़ी की कोई रिसीविंग दी गई।
मानवाधिकार आयोग के डंडे के बाद एक साल बाद १२ नवंबर २०१६ को गेट पर गाड़ी की एंट्री की गई, जबकि गाड़ी की एंट्री कंपनी में होते ही गेट पर एंट्री होनी जरूरी है। कंपनी की मनमानी देखिए कि बिना गेट एंट्री के और बिना क्लेम पंजीकृत कराए ही कंपनी ने गाड़ी के नुकसान का भी आंकलन कर दिया था, किंतु जब उन्हें लगा कि इस गाड़ी में कोई फर्जीवाड़ा नहीं किया जा सकता तो उन्होंने इसकी मरम्मत से हाथ खींच लिए।
प्रबंधन को इस बात की भी कोई परवाह नहीं थी कि बिना मरम्मत के एक साल तक खड़े रहने पर गाड़ी को कितना अतिरिक्त नुकसान हो सकता है और इस अतिरिक्त नुकसान की भरपाई गाड़ी मालिक कैसे कर पाएगा! हालांकि अनूप वर्मा ने उनकी गलती से गाड़ी कंपनी में खड़ी रहने की बात स्वीकार की है।
परिणाम यह है कि यह गाड़ी वक्र्सशॉप में इतने लंबे समय तक खड़े रखकर गाड़ी स्वामी को भारी मानसिक तनाव दिय गया। दूसरी ओर गाड़ी के टायर, सीट आदि बिना मरम्मत के खुले में धूप-बारिश सहते हुए अकारण ही बर्बाद हो गए, जबकि डीडी मोटर्स पहले ही क्लेम का भुगतान ले चुका है। द्य


Previous Post

ये सीएम तो मुंह ही नहीं लगाता!

Next Post

वन भूमि पर अवैध निर्माण का खेल!

Next Post

वन भूमि पर अवैध निर्माण का खेल!

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *






पर्वतजन पिछले २3 सालों से उत्तराखंड के हर एक बड़े मुद्दे को खबरों के माध्यम से आप तक पहुँचाता आ रहा हैं |  पर्वतजन हर रोज ब्रेकिंग खबरों को सबसे पहले आप तक पहुंचाता हैं | पर्वतजन वो दिखाता हैं जो दूसरे छुपाना चाहते हैं | अपना प्यार और साथ बनाये रखिए |
  • श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय ने खिलाड़ियों को दिलाई चॉपर राइड, बोले- I Love SGRRU
  • बड़ी खबर: देवभूमि गोल्ड कप में भिड़ेंगी देश की टॉप टीमें। चमकेंगे IPL स्टार्स..
  • वायरल वीडियो : मेरे होते हुए किसी की औकात नहीं, जो गरीबों की जमीन पर कब्जा करे।
  • RTI खुलासा: प्रदेश में 3 साल में 3044 महिला अपराध। 2583 बलात्कार के मामले दर्ज
  • दून में 6100 करोड़ का एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट शुरू।बिंदाल-रिस्पना किनारे हटेंगे कई मकान
  • Highcourt
  • उत्तराखंड
  • ऋृण
  • निवेश
  • पर्वतजन
  • मौसम
  • वेल्थ
  • सरकारी नौकरी
  • हेल्थ
May 2025
M T W T F S S
 1234
567891011
12131415161718
19202122232425
262728293031  
« Apr    

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

error: Content is protected !!