प्रदेश में भले भाजपा की सरकार हो।लेकिन भाजपाइयों के सितारे गर्दिश में नज़र आ रहे हैं।कभी वह बीच सड़क में किसी की पिटाई को लेकर चर्चा में हैं तो कहीं किसी पर गाड़ी चढाने को लेकर।उनकी नेत्रियां कहीं शराब बेचती पकड़ी जा रही हैं तो कहीं सैक्स रैकेट चलवाती हुई! अब यह सत्ता की हनक है या संयोग यह तो ईश्वर जानें।
इस श्रृंखला में अब जो अगला नाम जुडा है वह है हरिद्वार ग्रामीण से विधायक स्वामी यतिश्वरानंद का।जिन्होंने एक वन अधिकारी द्वारा उन्हें भेजे गए महज साढ़े सात सौ रुपये के बिल के लिए उसे देख लेने के अंदाज में धमका डाला! विधायक जी का ये अंदाज सोशल मीडिया पर सार्वजनिक होने के बाद अब राजनीतिक मुद्दा बना हुआ है।
मामला कुछ यूं है कि हरिद्वार ग्रामीण से विधायक स्वामी यतिश्वरानंद ने पिछले दिनों अपने क्षेत्र में एक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया था।इसके लिए लालढांग स्थित वन विभाग के गेस्टहाउस का इस्तेमाल किया गया।कार्यक्रम की सम्पन्नता के बाद रेंजर याकूब अली ने गेस्टहाउस के न्यूनतम सरकारी शुल्क साढ़े सातसौ रुपये का बिल बना दिया।विधायक जी को जब रेंजर की इस धरष्टता का पता चला तो उन्होंने फोन पर ही रेंजर की क्लास ले ली।उनकी रेंजर को हडकाने वाले अंदाज में की गई बातचीत किसी ने रिकार्ड कर ली।यह रिकार्डिंग जब सोशल मीडिया पर आयी तो हंगामा शुरू हो गया।विधायक रेंजर द्वारा साढ़े सातसौ का बिल काट देने की हरकत पर उसे सीधे-सीधे धमकाने वाले अंदाज में कह रहे हैं कि, अब तू खुद यहां से जाएगा या मैं तेरा ट्रांसफर कराऊं।
हरीश रावत की हार के कारण यतिश्वरानंंद से खार खाए कांग्रेसियों ने इसे विधायक की गुंडागर्दी व सरकारी काम में बाधा बताते हुए विधायक के खिलाफ श्यामपुर थाने में तहरीर देकर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।विधायक की यह रिकार्डिंग फिलहाल हरिद्वार ग्रामीण में भाजपा व कांग्रेस के बीच राजनीतिक बहसबाजी का मुद्दा बनी हुई है।दूसरी ओर इसे एक दूसरे विवाद से भी जोडकर देखा जा रहा है।हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र तीन ओर से वन व राजाजी पार्क क्षेत्र से घिरा है।खनन, कटान व वन्य जीवों के हमलों को लेकर विधायक जी की आए दिन डीएफओ से ठनी रहती है।पिछले दिनों विधायक यतिश्वरानंंद ने मुख्यमंत्री से भी डीएफओ की शिकायत कर उन्हें हटाने की मांग की थी।
दूसरी बार विधायक चुने गए यतिश्वरानंंद दबंग राजनेता के तौर पर जाने जाते हैं।हरीश रावत को हराने के बाद सूबे की राजनीति में उनका कद ओर बढा है।वह मंत्रीमंडल में किसी भी फेरबदल पर अपने प्रवेश की आस लगाए हुए हैं।रेंजर प्रकरण ने यदि और आंच पकड़ी तो उनकी ये उम्मीदें भी झुलस सकती हैं।
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*जनहित से कोई समझौता नहीं:यतिश्वरानंंद*
“मैं किन चुनौतियों में जीतकर आया हूं सब जानते हैं।मेरे खिलाफ अब वह लोग षडयंत्र रच रहे हैं जिन्हें जनता ने नकार दिया।जनहित के मुद्दे मैं पहले भी उठाता रहा हूं आगे भी उठाता रहूँगा।”
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*विधायक व रेंजर की बातचीत *
… ट्रिंग ट्रिंग
रेंजर:जी
विधायक:मैं यतिश्वरानंंद विधायक बोल रहा हूं
रेंजर:नमस्ते सर
विधायक:वो तुमने कितने की रसीद काटी..
रेंजर:साढ़े सातसौ की सर
विधायक:हमारी भी रसीद काटेगा?
रेंजर:सर, सरकारी नियम के अनुसार ही काटी है।
विधायक:तू कब से है यहां?
रेंजर:सर आठ नौ साल हो गये।
विधायक:तू मुस्टंडा हो रहा यहां आठ नौ साल से गेस्टहाउस को खा खा के.. अर्र.. हमारी रसीद काट रहा।.. अब तू खुद जाएगा यहां से या मैं तेरा ट्रांसफर कराऊं?