अमित मिश्रा
ट्रैफिक सुधार के लिए सड़कों पर उतारे गए सिटी पेट्रोल यूनिट (सीपीयू) लगता है सिर्फ आम जनता के चालान काटने को ही तैनात किए गए है, जबकि रसूखदार लोगों व सरकारी वाहनों को ये सिपाही नजरअंदाज कर देते हैं।
यह घटना 14 दिसंबर की है सूरज पाल नाम का युवक अपनी बाइक से जा रहा था कि देहरादून के रिंग रोड पर 19 सीपीयू के सिपाही ने रोक लिया और तेज स्पीड की बात कहते हुए उनका चालान कर दिया. उनके सामने से ही एक सरकारी गाड़ी भी निकली लेकिन सरकारी गाड़ी को देखते ही CPU सिपाही ने अपना कैमरा बंद कर दिया. जब युवक ने उनसे कहा कि आप बेशक 30 की स्पीड में जा रही गाड़ी का चालान कर दीजिए किंतु जरा उस सरकारी गाड़ी का वीडियो एक बार दिखा दीजिए इस पर सीपीयू के सिपाहियों से कोई उत्तर देते नहीं बना।
बात सिर्फ सरकारी कार के ओवर स्पीड की वीडियो बनाने की नहीं है। अक्सर यह देखा गया है कि सीपीयू के सिपाही सिर्फ बाइकों को रोकने और उनका चालान करने तक ही सीमित रहते हैं।सिटी बस, विक्रम आदि को तो यह सिपाही छेड़ते तक नहीं है । यही नहीं प्राइवेट चार पहिया गाड़ियों से भी इनका अक्सर कोई वास्ता नहीं होता। निजी चार पहिया गाड़ियों को रोकने तक के मामले बड़े दुर्लभ हैं और उनको रोककर चालान करना तो भूल ही जाइए।
युवक का कहना है कि सीपीयू के सिपाही केवल आम आदमियों का ही चालान करते हैं जबकि सरकारी गाड़ी को देखते ही अपना कैमरा बंद कर देते हैं सवाल यह है कि नियम कायदे क्या केवल आम आदमी के लिए ही बने है! फिलहाल आप भी इस वीडियो में सीपीयू के सिपाहियों से युवक की बहस का मजा लीजिए।