पर्वतजन
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम
No Result
View All Result
पर्वतजन
No Result
View All Result

Home पर्वतजन

शिक्षकों का नहीं, विद्यार्थियों का ड्रेस कोड बनाइए मंत्री जी

July 13, 2017
in पर्वतजन
ShareShareShare

हिम  जागृति सामाजिक संस्था के संचालक राकेश जदली आजकल पौड़ी जिले के गांव में गरीब बच्चों की शिक्षा-दीक्षा तथा जीवन स्तर को सुधारने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। बिना किसी सरकारी प्रोजेक्ट के काम कर रही यह संस्था अपने जान-पहचान और अन्य शुभचिंतकों के सपोर्ट से बच्चों को किताबें, कॉपियां, पेंसिल, रबर, ड्रेस, छाता आदि वस्तुएं वितरित करती है। संस्था के सचिव राकेश जदली आजकल एक अजीब सी परेशानी में हैं। वह कई स्कूलों के बच्चों को ड्रेस दान करना चाहते हैं, किंतु समस्या यह है कि हरेक स्कूल की अलग-अलग ड्रेस है। संस्था के दानदाता चाहते हैं कि यदि शिक्षा मंत्री जी शिक्षकों के ड्रेस कोड के पीछे पडऩे के बजाय राज्य के सभी स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए एक जैसा ड्रेस कोड लागू कर दें तो वे थान के हिसाब से कपड़ा खरीदकर गांव की ही प्रशिक्षित बेरोजगार महिलाओं को ड्रेस सिलने के लिए दे देते। इससे कम खर्च में अधिक से अधिक विद्यार्थियों तक स्कूल यूनिफॉर्म उपलब्ध हो जाती और ग्रामीण महिलाओं को भी सिलाई के एवज में कुछ आमदनी भी हो जाती। स्कूली बच्चों के लिए एक सा ड्रेस कोड न होने से मददगार संस्थाओं को ज्यादा खर्च वहन करना पड़ रहा है।
अभी तक होता यह है कि जिस भी जिले में जो शिक्षा अधिकारी जाता है, वह मनमुताबिक ड्रेस तय कर देता है। अथवा स्कूल के प्रिंसीपल को ही यह अधिकार है कि वह विद्यालय के लिए कौन सी ड्रेस चाहता है।
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने शिक्षकों को ड्रेस कोड में स्कूल आने का फरमान सुनाकर सुर्खियां तो हासिल कर ली, लेकिन राज्य के तीनों प्रमुख शिक्षक संगठनों के विरोध में उतर आने के बाद शिक्षा महकमा बैकफुट पर है। ऐसा करने से सरकार को भी शिक्षकों के लिए ड्रेस सिलवाने के लिए ड्रेस खरीद, सिलाई भत्ता, धुलाई भत्ता आदि मदों में करोड़ों रुपए का नुकसान होने की आशंका भी है। इसके बजाय यदि शिक्षकों के लिए ड्रेस कोड के बजाय शालीन परिधान अनिवार्य कर विद्यार्थियों के लिए ड्रेस कोड लागू किया जाए तो न तो सरकार को कोई खर्च वहन करना पड़ेगा, न शिक्षकों की नाराजगी मोल लेनी पड़ेगी और न ही खजाने पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। सभी स्कूलों में बच्चों की एक सी ड्रेस होने पर उनकी एक अलग पहचान भी बन सकेगी।


Previous Post

क्या डीजीपी के लिए अनिल रतूड़ी को करना होगा इंतजार !

Next Post

कर्ज में डूबे आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या हुई पांच

Next Post

कर्ज में डूबे आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या हुई पांच

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *






पर्वतजन पिछले २3 सालों से उत्तराखंड के हर एक बड़े मुद्दे को खबरों के माध्यम से आप तक पहुँचाता आ रहा हैं |  पर्वतजन हर रोज ब्रेकिंग खबरों को सबसे पहले आप तक पहुंचाता हैं | पर्वतजन वो दिखाता हैं जो दूसरे छुपाना चाहते हैं | अपना प्यार और साथ बनाये रखिए |
  • बिग ब्रेकिंग: कैबिनेट के महत्वपूर्ण फैसले ..
  • हाईकोर्ट सख्त: नाबालिग से दुष्कर्म मामले में सोशल मीडिया ट्रोलिंग पर SSP से मांगी रिपोर्ट। अभद्र पोस्टों की जांच के निर्देश..
  • बड़ी खबर : गोल्डन कार्ड धारकों की परेशानी जल्द होगी दूर। स्वस्थ मंत्री ने दिए सख्त निर्देश..
  • अपराध : तमंचे के बल पर नाबालिग से दुष्कर्म। आरोपी गिरफ्तार ..
  • हाइकोर्ट न्यूज: हेलीकॉप्टर लीज घोटाले में 9.5 लाख रुपये लौटाने का आदेश..
  • Highcourt
  • उत्तराखंड
  • ऋृण
  • निवेश
  • पर्वतजन
  • मौसम
  • वेल्थ
  • सरकारी नौकरी
  • हेल्थ
May 2025
M T W T F S S
 1234
567891011
12131415161718
19202122232425
262728293031  
« Apr    

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

No Result
View All Result
  • Home
  • उत्तराखंड
  • सरकारी नौकरी
  • सरकारी योजनाएं
  • इनश्योरेंस
  • निवेश
  • ऋृण
  • आधार कार्ड
  • हेल्थ
  • मौसम

© 2022 - all right reserved for Parvatjan designed by Ashwani Rajput.

error: Content is protected !!