आईवीएफ यानी निसंतान दम्पत्तियों के लिए मेडिकल साइंस का अनमोल वरदान
माॅर्डन आईवीएफ उपचार के लिए मैट्रों शहरों का रूख अब नहीं करना होगा
उत्तराखण्ड व पड़ोसी राज्यों के मरीजों को मिली बड़ी राहत
आईवीएफ तकनीक ने दुनिया भर के लाखों निःसंतान दम्पत्तियों को दिया है संतान का सुख
देहरादून। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की अत्याधुनिक सेवाओं के साथ विश्वस्तरीय सेवाओं से युक्त आईवीएफ सेंटर की सेवाएं भी जुड़ गई हैं। उत्तराखण्ड व पड़ोसी राज्यों से श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले निसंतान दम्पत्तियों को आईवीएफ तकनीक की सुविधाओं का लाभ मिलेगा। ऐसे दंपत्ति जो संतान प्राप्ति की आस खो चुके हैं, श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के विशेषज्ञ डाॅक्टरों की टीम माॅर्डन आईवीएफ सेंटर में उन दम्पत्तियों के लिए संतान प्राप्ति का विश्वस्तरीय उपचार उपलब्ध कराएगी। यह बात श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डाॅ विनय राय, अपर चिकित्सा अधीक्षक डाॅ वी.के. बिहारी, स्त्री एवम् प्रसूति रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डाॅ विनीता गुप्ता, वरिष्ठ स्त्री एवम् प्रसूति रोग विशेषज्ञा डाॅ अर्चना टण्डन, श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल आईवीएफ सेंटर की इंचार्ज डाॅ दीप्ती शर्मा, एम्ब्रयोलाॅजिस्ट अजीत शर्मा ने पत्रकार वार्ता के दौरान कही।
शुक्रवार दिनांक 7 जून 2019 को चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय में एक पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया। चिकित्सा अधीक्षक डाॅ विनय राय ने जानकारी दी कि विगत कुछ वर्षों में श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल ने कई विश्वस्तरीय सेवाएं उत्तराखण्ड की सेवा में समर्पित की हैं। इस कड़ी में अब श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल का आईवीएफ सेंटर सभी वल्र्ड क्लास सुविधाओं के साथ आम जन की सेवा के लिए तैयार है। डाॅ विनय राय ने बताया कि श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में आईवीएफ का उपचार अन्य अस्पतालों की तुलना में रियायती दरों पर उपलब्ध कराया गया है। यदि मेट्रो शहरों के अस्पतालों की दर से तुलना करें, तो हमारे यहां पर आईवीएफ उपचार की दर बहुत रियायती है। डाॅ राय ने यह भी जानकारी दी कि डाॅ दीप्ती शर्मा, एक कुशल आईवीएफ विशेषज्ञ हैं व स्त्री एवम् प्रसूति रोग में एमएस हैं। दून आने से पहले वह देश के कई नामचीन संस्थानों में बतौर आईवीएफ विशेषज्ञ के रूप में काम कर चुकी हैं।
स्त्री एवम् प्रसूति रोग विभाग की प्रमुख डाॅ विनीता गुप्ता ने कहा कि श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के स्त्री एवम् प्रसूति रोग विभाग के डाॅक्टरों की टीम व आईवीएफ सेंटर की टीम मिलकर निसंतान दम्पत्तियों के उपचार में सहयोगी के रूप में कार्य करेगी। दोनों टीमों के अनुभव का अधिक से अधिक फायदा रोगियों को बेहतर उपचार के रूप में मिलेगा।
आईवीएफ तकनीक पर देश विदेश के डाॅक्टर्स कई वर्षों से काम कर रहे हैं। देश के बड़े शहरों व विदेशों में आईवीएफ उपचार के लिए कई नई तकनीकों का इस्तेमाल हो रहा है, नई मशीनों ने आईवीएफ के परिणाम के प्रतिशत को और बढ़ा दिया है। डा. राय कहते हैं,-” हमारा भी यह मकसद है कि देहरादून में आईवीएफ का जो उपचार अब तक उपलब्ध नहीं था, श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के आईवीएफ सेंटर के माध्यम से हमारी टीम उत्तराखण्ड व अन्य पड़ोसी राज्यों से आने वाली निसंतान दम्पत्तियों को माॅर्डन तकनीक का उपचार उपलब्ध करवाएगी।”
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की आईवीएफ सेंटर इंचार्ज डाॅ दीप्ती शर्मा (एमएस, स्त्री एवम् प्रसूति विभाग, एफएनबी, रिप्रोडक्टिव मेडिसिन) ने जानकारी दी कि श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में कई अत्याधुनिक तकनीकों के साथ आईवीएफ उपचार किया जा रहा है। उन्होने जानकारी दी कि केवल पुरुष व महिला या दोनों में ही किसी प्रकार का ऐसा मेडिकल डिस्आॅर्डर हो सकता है, जिसके कारण दंपत्ति संतान सुख को प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं। यदि दंपत्ति में संतान प्राप्त न होने के कारणों को समझे तो कहीं न कही मेडिकली पुरुष व महिला दोनों में ही समान प्रतिशत में मेडिकल डिस्ओर्डर हो सकते हैं।
आंकडे बताते हैं कि मेडिकली पुरुषों में 30 से 40 प्रतिशत समस्याएं ऐसी होती हैं जो संतान प्राप्ति न होने का प्रमुख कारण हैं, वहीं महिलाओं में भी यह आंकड़ा 30 से 40 प्रतिशत पाया गया है। दस से बीस प्रतिशत दंपत्ति ऐसे होते हैं जिनमें यह समस्या दोनों में पाई जाती है। मेडिकल साइंस में इस बात की सही जानकारी प्राप्त करने के लिए कई टेस्ट उपलब्ध हैं।
उपचार के लिए मेडिकल साइंस की एडवांस तकनीकें हैं। ऐसे पुरुष जिनके स्पर्म शून्य हैं या बहुत कम हैं, उनकी जांचें करवाने के बाद इन तकनीकों से ऐसे पुरुष स्वयं के स्पर्म से पिता बनने का सुख प्राप्त कर सकते हैं। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में हम इस निसंतान दम्पत्त्यिों के उपचार के लिए आईवीएफ तकनीक सहित कई आत्याधुनिक तकनीकों के साथ इनफर्टिलिटी का उपचार कर रहे हैं।