बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति को भंग करने के आदेश को हाई कोर्ट ने फिर से स्टे दे दिया है। भाजपा की सरकार बनते ही सबसे पहले सरकार ने मंदिर समिति को भंग कर दिया था किंतु हाई कोर्ट ने यह निर्णय रद्द कर दिया था।
एक बार फिर से सरकार ने हठधर्मिता दिखाते हुए मंदिर समिति को दोबारा से भंग कर दिया था।
हाई कोर्ट ने सरकार की इस आदेश को भी स्टे कर दिया है। यह सरकार के लिए सौ दिन पूरे होने से पहले एक बड़ा झटका माना जा रहा है ।
बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष गणेश गोदियाल पहले पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के खासमखास माने जाते थे किंतु पिछली सरकार में दलबदल के दौरान बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष गणेश गोदयाल ने पाला नहीं बदला ।
इससे यह माना जा रहा था कि सतपाल महाराज उनसे नाराज हो गए थे इसी कारण उन्होंने भाजपा की सरकार मे पर्यटन मंत्री बनते ही सबसे पहले बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति को भंग करके गणेश गोपाल को झटका देना चाहा तो दोनों बार हाई कोर्ट ने उनकी मंशा पर पानी फेर दिया।
अब यह माना जा रहा है कि सरकार राजनीति कारणों से संवैधानिक संस्थाओं को भंग करने के लिए मनमाने कदम उठाने से पहले एक बार जरूर हिचकेगी।
इधर गणेश गोदियाल ने सतपाल महाराज पर राजनीति तथा बदले की भावना से इस तरह की कार्यवाही करने का आरोप लगाया है तथा इसको दुर्भाग्यपूर्ण बताया है । गोदियाल ने सतपाल महाराज से नैतिकता के आधार पर त्यागपत्र देने की मांग की है ।