अस्पताल में सिसकते मजदूर, बिना पंजीकरण के नहीं मिल रहा मुआवजा

तीन दिन बाद भी पूर्ति विभाग घटना से बना अंजान

ट्रक हादसे के बाद न तो पूर्ति विभाग ने पूछा घायलो का हाल  और न ट्रक मालिक ने

राजस्व विभाग ने भी नहीं किया मामला दर्ज

लंबगाव मार्ग पर मट्टी – धनेटी के पास ट्रक हादसे मे तीन लोग हुए थे घायल

गिरीश गैरोला/ उत्तरकाशी//

धौंतरी से रातलधार सरकारी राशन को लेकर जा रहा टाटा 407 ट्रक बुधवार 20 सितंबर को मट्टी – धनेटी के पास हादसे का शिकार हो गया था। ट्रक मे चालक सहित पाँच लोग सवार  थे। जिसमे दो लोग पूर्ति विभाग मे पल्लेदारी करने वाले मजदूर भी शामिल है। एक घायल को हायर सेंटर भेजा जा चुका है। जबकि दो का इलाज उत्तरकाशी जिला अस्पताल मे चल रहा है।

दुर्घटना के बाद न तो खाद्य आपूर्ति विभाग ने घायल पल्लेदार मजदूरो की सुध ली और न ट्रक मालिक ने ही एसडीएम सौरव असवाल ने बताया कि तहरीर मिलने के बाद मामला दर्ज किया जाएगा। गौरतलब है कि ट्रक मे पाँच सवारिया लेकर जाना अपने आप मे मामला दर्ज करने का पर्याप्त कारण है किन्तु गरीब मजदूरो के लिए कई तरह के तर्क दिये जा रहे है।

हालांकि हादसों मे घायल होने अथवा मृतक मजदूरों के लिए श्रम विभाग मे कई कानून बनाए गए है किन्तु एक बार फिर से मजदूर अपनी किस्मत पर रोने के लिए मजबूर दिख रहा है।

जिला अस्पताल मे भर्ती गढ़ भेटीयारा गांव के प्यारे लाल की  छाती और पीठ मे गहरी चोट लगी है और इसी गाव के जीत लाल के बाए पैर मे फ्रैक्चर हुआ है। दोनों ने अपने आपको पूर्ति विभाग के धौंतरी गोदाम मे पल्लेदारी का मजदूर बताया है। प्यारे लाल ने बताया  कि वे विगत 15 वर्षो से पूर्ति विभाग मे पल्लेदारी मजदूरी का काम करते हैं। घायल होने के बाद न तो पूर्ति विभाग ने उनकी सुध ली और न वाहन मालिक ने ही।        हैरानी की बात ये है की घटना के तीन दिन बाद भी पूर्ति विभाग को घटना की जानकारी ही नहीं है।जिला पूर्ति अधिकारी गोपाल मटुरा  ने बताया कि उनके पास कोई भी जानकारी इस घटना को लेकर नहीं है उन्होने कहा कि जो राशन बर्बाद हुआ है उसका भुगतान विभाग को हो चुका है। लिहाजा उनकी ज़िम्मेदारी पूरी हो चुकी है और ये लॉस प्रॉफ़िट अब  राशन विक्रेता का ही है। उन्होने बताया कि मजदूरों का उनके विभाग मे अभी तक कोई भी मजदूरों का पंजीकरण नहीं किया गया है। घायल मजदूरों की ज़िम्मेदारी के लिए विभाग ने पूरी तरह से पल्ला झाड़ते हुए राशन विक्रेता पर ही पूरी ज़िम्मेदारी डाल  दी है।  किसको चोट लगी कौन घायल हुआ इसके लिए विभाग ने विक्रेता  अथवा गाड़ी मालिक को पूर्ण जिम्मेदार बताया है। जिलाधिकारी डॉ आशीष कुमार ने बताया कि विभाग मे मजदूर कांट्रैक्ट पर काम करते है किन्तु मामले की संवेदन शीलता को देखते हुए वे सभी विभागो को निर्देश दे रहे है कि अपने स्तर से मजदूरो का पंजीकरण करना सुनिश्चित करेंगे।

एक बार फिर एक गरीब अनपढ़  मजदूर अज्ञानता के चलते जीवन की जंग लड़ने को मजबुर है। रोज कमा कर खाने वाले इन मजदूरों को घायल होने पर कोई भी पूछने वाला नहीं है वही जिम्मेदार पूर्ति विभाग भी अपनी ज़िम्मेदारी से पल्ला झाड रहा है, वहीं एसडीएम डुंडा सौरभ असवाल ने बिना तहरीर के एफ़आईआर दर्ज करने से ही इंकार कर दिया। हालांकि ट्रक मे कानून को ताक पर रखते हुए चार लोग बैठाये गए थे ।सड़क पर सवारी बैठकर चलने वाले ट्रक का चालान  किया जा सकता है किन्तु हादसा होने के बाद तहरीर का इंतजार ? – तो क्या इसे ही कहते है अंधा कानून ?

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