एक्सक्लूसिव वीडियो: दलित ने बगल में बैठकर खाया, सवर्णों ने पीटकर मार गिराया

मामचन्द शाह, देहरादून 

टिहरी गढवाल के नैनबाग क्षेत्र के कोट गांव में विगत 27 अप्रैल को शादी में शामिल होने गए जितेंद्र दास को क्या पता था कि यह शादी उसकी अंतिम शादी होगी। यहां खाना खाते समय सवर्ण जाति के लोगों के हाथों उसे अपनी जान से हाथ धोना पड़़ा। वह अपने परिवार का इकलौता कमाने वाला युवक था।

देखिए वीडियो 

https://youtu.be/DhQ6C_60ohQ

26 अप्रैल को जितेंद्र(21)पुत्र स्व. सेवक दास ग्राम बसाण गांव, पट्टी इडयालस्यूं, जौनपुर टिहरी गढ़वाल अपने रिश्तेदार की शादी में शामिल होने के लिए कोट गांव गया था। बारात में खाना लेकर जितेंद्र एक खाली कुर्सी पर बैठकर खाने लगा। इस बीच एक सवर्ण जाति का भटवाड़ी गांव के सोबत सिंह असवाल वहां पर आया और उससे उठने के लिए जातिसूचक शब्दों में कहने लगा। सोबत सिंह का कहना था कि वह तो दोबारा खाना लेने के लिए गया था, ऐसे में यह कुर्सी उसकी थी। सोबत सिंह का पारा चढ़़ गया और उसे पीटने लगा। जिससे उसका खाना वहीं गिर गया। जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए कहने लगा कि नीच जाति के व्यक्ति की मेरी कुर्सी पर बैठकर खाने की हिम्मत कैसे हुई। हालांकि बीच-बचाव कर किसी तरह अन्य लोगों ने सोबत सिंह और उसके साथ के लोगों को तब शांत करा दिया था। रात्रि करीब 9 बजे जितेंद्र अपने घर जाने के लिए चल दिया, लेकिन झगड़ा करने वाले सवर्ण लोगों ने उसका पीछा करते हुए उसकी पिटाई कर डाली और बेहोशी की हालत में उसके घर के पास छोड़़कर भाग गए।
मृतक की बहिन पूजा बताती हैं कि मेरे भाई को रास्ते में अकेले का फायदा उठाकर कई लोगों ने मारा। इससे उसको गंभीर चोटें आ गई। ये लोग रास्ते में छिपकर उसका इंतजार कर रहे थे। मारने वालों में गजेंद्र सिंह पुत्र प्रेम सिंह, सोबत सिंह पुत्र धूम सिंह, कुशल, गब्बर, गंभीर, हरविर सिंह, हुकुम सिंह आदि शामिल थे। इन पर धारा 323, 147, 504, 506 और  एससी/एसटी एक्ट के अंतर्गत मुकदमा दर्ज किया गया है।
जितेंद्र की मां गीता देवी बताती हैं कि जितेंद्र की पिटाई करने वालों में गब्बू लाल शाह भी शामिल है। पहले उसने जितेंद्र को पीटे जाने की बात स्वीकार की, लेकिन जितेंद्र की हालत बिगडऩे के बाद अपने फंसने के डर से वह मुकर गया।
जब परिजनों ने जितेंद्र की हालत देखी तो वे उसे नजदीक नैनबाग हॉस्पिटल ले गए। जहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसे दून हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया गया। दून हॉस्पिटल ने भी उसे महंत इंदे्रश हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया। जहां वह ९ दिनों तक जीवन और मौत के बीच झूलता रहा। रविवार 5 मई की सुबह जितेंद्र ने दम तोड़ दिया। मृतक का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। जिसकी रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। रिपोर्ट आने के बाद सभी आरोपियों के खिलाफ हत्या की धारा भी जोड़ी जाएगी। उसकी मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

बताते चलें कि जितेंद्र के परिवार में उसकी एक बहिन पूजा(23) व एक छोटा भाई धर्मेंद्र(15) के साथ ही विधवा मां गीता देवी हैं। उसके पिता की पहले ही मृत्यु हो चुकी है। ऐसे में मृतक जितेंद्र दास घर में अकेला कमाने वाला था। अब उनके परिवार के सम्मुख दुखों का पहाड़ खड़ा हो गया है।

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