भूपेंद्र कुमार
देहरादून के थाना पटेलनगर क्षेत्रांतर्गत गुरु रोड पर गत शनिवार को घटी एक घटना ने पुलिस की कार्य प्रणाली को उजागर किया है। वायरलैस पर आग लगने की घटना प्रसारण होते ही अन्य क्षेत्र में तैनात दारोगा ने जहां अपनी जान पर खेलकर वृद्ध की जान बचाई, वहीं घटनास्थल के समीप वाले थाने से पुलिस तब पहुंची, जब एक वृद्धा अपनी जान गंवा चुकी थी।
जानकारी के अनुसार पटेलनगर थाना क्षेत्रांतर्गत गुरू रोड पर एक वृद्ध दंपत्ति किराये पर रहते थे। उनकी दो लड़कियां बैंगलौर में रहती हैं, जबकि उनका इकलौता बेटा मार्च में लंदन चला गया। वृद्ध महिला तभी से डिप्रेशन में थी। शनिवार तड़के ५ बजे बुजुर्ग महिला पूनम रानी गुप्ता ने मिट्टी तेल छिड़ककर अपने ऊपर आग लगा ली। उस समय उनके पति सो रहे थे। इस पर पति-पत्नी में आग लगने से चीख-पुकार मच गई। शोर सुनकर आस-पास के लोगों ने १०० नंबर पर सूचना दी। सूचना सुनते ही लक्ष्मण चौक के चौकी इंचार्ज जितेंद्र कुमार, जो उस समय सहारनपुर चौक पर तैनात थे, दूसरे थाना क्षेत्र की परवाह न करते हुए घटनास्थल गुरू रोड की ओर दौड़ पड़े। वहां जाकर देखा तो वृद्ध महिला आग की लपटों के बीच घिरी हुई थी, जबकि उनके पति भी आग के बीच घिरकर जान बचाने को चिल्ला रहे हैं। यह देख दारोगा जितेंद्र कुमार अपनी जान की परवाह न करते हुए आग में कूद पड़े और बड़ी मुश्किल से वृद्ध की जान बचाने में सफल हो गए। उनके साथ एक सरदार जी व मोहल्ले वालों ने पानी की बाल्टियां लाकर वृद्ध की जान बचाने में मदद की। इसी बीच फायर ब्रिगेड की गाड़ी भी मौके पर पहुंच गई।
दारोगा जितेंद्र कुमार बताते हैं कि वृद्ध की जान बचाने की उन्हें सुकून है, साथ ही इस बात का दुख भी है कि काफी प्रयास करने के बाद भी वृद्ध महिला की जान नहीं बचा सके।
बावजूद इसके पटेलनगर थाना क्षेत्र से पुलिस कर्मी तब घटनास्थल पर पहुंचे, जब एक वृद्धा जान गंवा चुकी थी और आग के बीच से उनके पति की जान बचा ली गई थी। ऐसे में क्षेत्र के लोग पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं। वहीं दारोगा जितेंद्र कुमार की जितनी तारीफ की जाए, उतनी कम है। ऐसे पुलिस कर्मी को सल्यूट।