राजीव थपलियाल //
उत्तराखण्ड की बीजेपी सरकार के निर्णयों के खिलाफ विरोध का आगाज आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के विधानसभा क्षेत्र डोईवाला से …!
आश्चर्य होना लाजिमी है। जिस जनता ने ‘प्रेम’ से मोदी के नाम पर प्रचण्ड मत दिया, उसी जनता ने ऐसा कदम क्यों उठाया। दरअसल, राज्य सरकार ने गांवों को नगर निगम में शामिल करने का जो फैसला लिया है, उससे लोग बहुत आहत दिखे। नकरौंदा के मंगलम गार्डन में एकत्रित लोगों ने बहुत गरियाया औऱ उस दिन पर अफसोस जताया जिस दिन उन्होंने विधानसभा के लिए व्यक्ति विशेष को वोट दिया। इनमे बीजेपी, कांग्रेस के नेतागण अपनी दलगत प्रलोभनों को दरकिनार कर केवल ग्रामीण बनकर शामिल हुए। एकसुर में सबने गांवों को नगर निगम में शामिल होने का विरोध किया। सरकार के खिलाफ धरने प्रदर्शन का ऐलान किया।
नगर निगम के सीमा विस्तार के प्रस्ताव को कैबिनेट की बैठक में पारित करने के विरोध स्वरूप सैंकडो की संख्या में ग्रामीणों ने इससे पहले भी अपने पंचायत प्रतिनिधियों की अगुवाई में गांधी पार्क के बाहर एक दिवसीय धरना दिया था।
ग्रामीणों के इस धरने को कांग्रेस और सर्व समाज महासंघ ने भी समर्थन दिया।
धरना स्थल पर समर्थन देने पहुंचे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा था कि सरकार जबरदस्ती पंचायतों का अस्तित्व समाप्त करने पर तुली हुई है।उन्होंने कहा कि जब नगर निगम के दो तिहाई से अधिक पार्षद भी नगर निगम के सीमा विस्तार का इस आधार पर विरोध कर रहे हैं कि निगम प्रशासन वर्तमान शहर की समस्याओं का ही समाधान नही कर पा रहा है। जगह जगह पर कूडे के ढेर लगे रहते हैं अधिकांश हिस्सों में पानी की समस्या लगातार बनी रहती है। इसके अलावा भी नागरिकों को काफी समस्याओं के लिए जूझना पड़ता है।ऐसे में इतने बडे ग्रामीण क्षेत्र को जोड़कर ग्रामीणों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
जिला पंचायत सदस्य हेमा पुरोहित ने कहा कि मई माह में पंचायत गांव बचाओ संघर्ष समिति के के कचहरी परिसर में चल रहे आंदोलन के समय सरकार द्वारा सदन में वक्तव्य देकर ग्रामीण क्षेत्र के निवासियों को आश्वासन दिया गया था कि सभी पंचायतों में रहने वाले परिवारों एवं जनप्रतिनिधियों से से विचार विमर्श और सर्वेक्षण के बाद ही सीमा विस्तार का फैसला किया जायेगा।परंतु सरकार ने ऐसा कुछ किये बिना ही कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव पारित कर दिया।
विकासखंड रायपुर की प्रमुख बीना बहुगुणा ने कहा कि विगत ग्यारह मई को विकासखंड रायपुर की क्षेत्र पंचायत की विशेष बैठक में एक स्वर में समस्त प्रतिनिधियों ने सीमा विस्तार के विरोध का प्रस्ताव पास किया था।परंतु इसके बाद भी सरकार द्वारा आनन फानन में असंवैधानिक रूप से लिए गए इस जन विरोधी निर्णय का सड़क से लेकर कोर्ट तक विरोध किया जायेगा।
इसमे नकरौंदा, बालावाला, हर्रावाला, minyawala, नथुवाला, आदि गांवों के जनप्रतिनिधि मौजूदा एवम पूर्व सभी भी शामिल हुये
चेतिये सरकार चेतिये! यह लोकतंत्र है कोई राजशाही नही कि शासन करने का पट्टा पैदाइश के साथ लेकर आये हो। कांग्रेस की हालत को देखकर सीखिए, जागिये!