विगत माह सूबे की महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कारपोरेशन के सौजन्य से बेटी बचाओ कार्यक्रम के तहत देहरादून से हरिद्वार तक एक ऐसी साइकिल रेस का आयोजन किया, जो आयोजित होने से पहले ही विवादित हो गई। रेखा आर्य द्वारा १५ दिनों तक साइकिल चलाने की प्रेक्टिस पर मीडिया से लेकर सोशल मीडिया में खूब प्रतिक्रियाएं भी आई। ऐन वक्त पर जब साइकिल यात्रा का वक्त आया तो ५०० में से बमुश्किल एक दर्जन लोग देहरादून से हरिद्वार के लिए निकले। रेखा आर्य खुद इस रेस को लीड कर रही थी। चूंकि आयोजन स्थल से रिस्पना पुल तक ५०० लोग इस कार्यक्रम में शामिल थे और इसके बाद वे रिस्पना पुल से गायब हो गए, किंतु टीएचडीसी द्वारा दी गई ५०० साइकिलें कहां गई, इसका पता नहीं चला कि आखिरकार वे पौने पांच सौ लोग कहां गए, जो बेटी बचाने के नाम पर रेखा आर्य के साथ थे और जिन्होंने साइकिल भी ले ली थी।
इसके बाद ज्ञात हुआ कि देहरादून के भाजपा कार्यकर्ताओं ने वो साइकिलें अपने कब्जे में ले लीं और कुछ लोगों ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में हुई कुछ चटकारेदार खबरों को देखते हुए आधा दर्जन साइकिलें बलवीर रोड स्थित भाजपा कार्यालय में खड़ी कर ली, ताकि वहां आने-जाने वाले और वहां निवास करने वाले लोग भी महिलाओं का सम्मान कर सकें और रेखा आर्य के मिशन बेटी बचाओ अभियान को सार्थक कर सके।