प्रदेश कार्यकारिणी पर जिलों की अनदेखी का लगाया आरोप
राशन डीलरों की प्रदेश स्तरीय हड़ताल मे पहाड़ी जिले नहीं होंगे शामिल
गिरीश गैरोला
सरकारी राशन डीलर एसोसिएसन की प्रांतीय कार्यकारिणी के आह्वान पर सूबे मे हड़ताल के निर्णय से जिले की कार्यकारिणी ने असहमति जताई है।जिसके कारण हड़ताल का जिले मे कोई असर नहीं दिखाई दिया।
सस्ता गल्ला उचित दर की दुकानों के उत्तरकाशी इकाई के जिला अध्यक्ष हर्षवर्धन सिंह राणा ने प्रदेश कार्यकारिणी पर जिलों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि राशन डीलर की स्थानीय छोटी-छोटी मांगों को लेकर प्रदेश कार्यकारिणी ने कभी कोई रुचि नहीं दिखाई।
इतना ही नहीं प्रदेश भर मे हड़ताल के आह्वान के बड़े फैसले पर भी जिले से कोई राय-मश्वरा नहीं किया गया और उन्हे इसकी सूचना देना तक मुनासिब नहीं समझा गया। लिहाजा उन्होने हड़ताल मे शामिल होने से ही इंकार कर दिया है।
गौरतलब है कि आदर्श राशनिंग डीलर्स वेल्फेयर सोसाइटी उत्तराखंड ने अपने पूर्व पत्र मे मुख्यमंत्री और प्रमुख सचिव से भेंटवार्ता मे मिले भरोसे का जिक्र करते हुए 6 सितंबर 2017 को कैबनेट मे डीबीटी को मंजूरी देने के विरोध मे 1 अक्तूबर से प्रदेश भर मे राशन डीलरों की हड़ताल की घोषणा की थी।
बताते चलें कि एक अप्रैल 2018 से एपीएल कोटे के राशन की सब्सिडी सीधे उपभोक्ता के खाते (डीबीटी) मे भेज देने का प्राविधान किया गया है। उत्तरकाशी राशन डीलर संघ के जिला अध्यक्ष ने प्रदेश कार्यकारिणी की हड़ताल से अनभिज्ञता जताते हुए हड़ताल मे शामिल होने से साफ इंकार किया है।
इतना ही नहीं उन्होने प्रदेश कार्यकारिणी पर जिलों की उपेक्षा का आरोप भी जड़ दिया है। राणा की माने तो जिले की मांगों को प्रदेश कार्यकारिणी अपने मांग पात्र मे शामिल नहीं करती है और प्रदेश हड़ताल जैसे बड़े मुद्दों पर जिलों की राय तक नहीं ली जाती है और न उन्हे इस बारे मे कोई सूचना ही दी जाती है।
उन्होने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना की तर्ज पर राज्य खाद्य योजना पर भी लाभांश 143 रु प्रति क्विंटल दिया जाना चाहिए था जो उन्हे केवल 18 रु प्रति क्विंटल मिल रहा है किन्तु प्रदेश कार्यकारिणी ने इसे अपने मांग पत्र मे शामिल ही नहीं किया। लिहाजा वे हड़ताल मे शामिल नहीं होंगे।
वहीं जिला पूर्ति अधिकारी ने भी स्वीकार किया कि जनपद ने कोई भी उचित दर की दुकान के डीलर हड़ताल पर नहीं है।