भूपेन्द्र कुमार
भुवन चंद्र खंडूरी का गुस्सा शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। पौड़ी लोकसभा सीट से कर्नल अजय कोठियाल के चुनाव लड़ने की सुगबुगाहट के बाद खंडूरी ने फिर से फायर खोल दिया है। इस बार फायरिंग लोकायुक्त बिल की आड़ से हो रही है। भुवन चंद्र खंडूड़ी का कहना है कि त्रिवेंद्र रावत लोकायुक्त बिल को लकवाग्रस्त करना चाहते हैं।
7 दिसंबर से गैरसैंण में शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है। खंडूरी का कहना है कि इस सत्र में पारित होने वाले संशोधित लोकायुक्त बिल के द्वारा एनएच 74 जैसे घोटालों के खिलाफ कार्यवाही नहीं हो पाएगी। भुवन चंद्र खंडूरी अपने बनाए हुए वर्ष 2011 के बिल को अंगीकृत न करवाने पर गुस्से में है।
गौरतलब है कि भाजपा ने चुनाव से पहले सौ दिन के अंदर लोकायुक्त बिल लाने की घोषणा की थी और इसी साल मार्च में सदन में बिल लाने के बाद उन्होंने इसे वापस ले लिया और कुछ संशोधनों के बाद पारित करने की बात कही थी।
खंडूरी का कहना है कि उनका बिल तो राष्ट्रपति द्वारा भी पास कर दिया गया था, लेकिन ऐसा लगता है कि सरकार लोकायुक्त बिल के प्राविधानों को बहुत हल्का करने जा रही है।
खंडूरी ने अपने कार्यकाल में जो लोकायुक्त बनाया था, उसके द्वारा मुख्यमंत्री तथा पूर्व मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्रियों को भी लोकायुक्त के दायरे में लाया गया था। बहरहाल पुत्री रितु खंडूरी को टिकट देकर जनरल खंडूरी की महत्वकांक्षाओं का पुनर्वास मान लेने वाली भाजपा हाईकमान के सामने खंडूरी के तेवरों से असहज स्थिति उत्पन्न हो गई है। अपनी ही पार्टी के सेनापति द्वारा की जा रही इस बैकफायर के कारण उत्तराखंड सरकार फिलहाल बैकफुट पर है।
यह हालात अगर जारी रहे तो त्रिवेंद्र सिंह रावत लोकायुक्त बिल को लेकर कुछ भी कहें, इसका राजनीतिक लाभ सरकार को नहीं मिल पाएगा।