जगदम्बा कोठारी
ऋषिकेश स्थित एम्स द्वारा निष्कासित कर्मचारियों का आन्दोलन अब उग्र रूप ले रहा है। वह पिछले दो माह से एम्स गेट के बाहर अपनी बहाली और निदेशक रविकांत की बर्खास्तगी की मांग को लेकर कृमिक अनशन पर बैठे हैं, लेकिन 60 दिन बाद भी उनकी बहाली न होने गुस्साई दो युवतियां आज रेलवे स्टेशन नजदीक इन्द्रानगर मे पानी की टंकी पर चढ पर गयी और कोई प्रशासन द्वारा कोई सकारात्मक आश्वासन नहीं मिल जाने तक नीचे नहीं उतरने की चेतावनी दी। जिससे प्रशासन के हाथ पांव फूल गये।
आज सुबह सात बजे करीब एम्स ऋषिकेश से निष्कासित दो महिला कर्मचारी मनीषा और कंचन कुमारी रेलवे स्टेशन के पास इन्द्रानगर कॉलोनी की पानी ऊंची टंकी पर चढ गयी। उनका आरोप है कि उनके सैकड़ों स्थानीय साथी पिछले चार-पांच वर्षो से एम्स मे नौकरी कर रहे थे, आउट सोर्सिंग के माध्यम से हुई थी मगर एम्स निदेशक डा. रविकांत के आदेश पर एम्स प्रशासन ने बिना किसी कारण के सभी छह-सात सौ युवाओं को बाहर कर दिया। इन पदों पर निदेशक ने अपने चहेतों को नियुक्तियां प्रदान की है। उन्होने चेतावनी दी कि जब तक उनकी बहाली और एम्स निदेशक का निलंबन नहीं हो जाता है, तब तक वह नीचे नहीं उतरेंगी।
इसके बाद मौके पर उपजिलाधिकारी समेत पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची। समाचार लिखे जाने तक दोनों युवतियां टंकी पर ही चढ़ी रही और उन्होने चेतावनी दी कि कोई भी टंकी पर चढ़ने की कोशिश न करें।
वहीं निष्कासित कर्मचारियों का आरोप है कि डायरेक्टर रविकांत ने सभी आन्दोलनरत कर्मचारियों की फोटो एम्स के सुरक्षा कर्मियों को दी हुई है और उनको एम्स के भीतर भी घुसने नहीं दिया जा रहा है। वह भीषण गर्मी मे भी टेंट लगाकर पिछले दो माह से अनशन पर हैं लेकिन सरकार उनकी सुध नहीं ले रही है। संगठन के अध्यक्ष दीपक रयाल ने कहा है कि कई महिला अनशनकारियों की स्थिति खराब है लेकिन मांगें पूरी न होने तक हमारा आन्दोलन जारी रहेगा और इसके लिए हम किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।
भाजपा की महापौर अनिता ममगांई सहित विभिन्न संगठनों ने निष्कासित कर्मचारियों की तुरंत बहाली की मांग की और निदेशक डा. रविकांत के निलंबन न होने तक आन्दोलन जारी रखने को कहा है।