गिरीश गैरोला/ उत्तरकाशी//
गणपति बप्पा का उत्तराखंड कनेक्शन!
महाराष्ट्र से गणेश भक्तों का दल पहुँचा उत्तरकाशी।
डोडी ताल में अन्नपूर्णा मंदिर के पास है गणेश जन्म स्थली।
गणेश चतुर्थी के मौके पर 22 किमी पैदल यात्रा के बाद करेंगे पूजा अर्चना।
हर वर्ष ट्रेनी आईएएस का दल भी करता है डोडीताल का पैदल ट्रेक।
पूरे देश में जहां गणपति बप्पा की आज धूम है, वहीं आदिगणेश की जन्म स्थली उत्तरकाशी के डोडीताल में भी महाराष्ट्र से यात्रियों का एक दल उत्तरकाशी पहुंचा है।जिलाधिकारी तथा विधायक गंगोत्री गोपाल रावत ने इनका स्वागत कर इन्हें डोडीताल की पैदल 22 किमी की यात्रा के लिए रवाना किया।
पुराणों में जिक्र आता है कि माता पार्वती ने जिस सरोवर में स्नान किया, उसके द्वार पर गणेश को तैनात किया और आदेश दिया कि कोई भी अंदर प्रवेश न कर सके। बिना माता की अनुमति के जब गणेश ने शिव को भी अंदर प्रवेश नही करने दिया तो शिव ने गणेश का सर धड़ से अलग कर दिया। बाद में माता पार्वती के कहने पर हाथी का सर जोड़ दिया था।
डोडीताल के पुजारी डॉ राधेश्याम खंडूड़ी कहते हैं कि डोडीताल वही सरोवर है जहाँ माता ने स्नान किया था। माता अन्नपूर्णा के मंदिर के पास ही डोडी गणेश का भी मंदिर है। जहाँ पौराणिक छिन्न मस्तक गणेश की पाषाण मूर्ति आज भी मौजूद है। केलसु को छोटा कैलाश का अपभ्रंश बताते हुए पुजारी सबको गणेश चतुर्थी का आशीर्वाद पाने के लिए गणेश जी की जन्म स्थली के दर्शन का न्योता देते हैं।
डोडीताल मंदिर समिति के अध्यक्ष कमल सिंह ने बताया कि हर वर्ष देश विदेश से पर्यटक डोडीताल के ट्रैक पर आते हैं। किंतु बहुत कम लोगों को ये पता है कि यह स्थान गणेश की जन्म स्थली है। लिहाजा पर्यटन विभाग को इसके प्रचार-प्रसार के लिए आगे आना चाहिए।