वर्ष 2019 में होने जा रहे लोकसभा चुनाव में पौड़ी लोकसभा सीट से कर्नल अजय कोठियाल भाजपा की ओर से चुनाव मैदान में उतारे जा सकते हैं।
पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी के अनुषांगिक संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रांतीय सम्मेलन में कर्नल अजय कोठियाल मुख्य अतिथि के रुप में पधारे और विद्यार्थी परिषद की जमकर तारीफ की। उनकी भाव-भंगिमा से यह साफ हो गया है कि उन्हें भगवा रंग में रंगने से कोई गुरेज नहीं है।
कर्नल अजय कोठियाल ने केदारनाथ के पुनर्निर्माण में अहम भूमिका निभाई है। आपदा के बाद केदारनाथ को तैयार होने में लगभग 10 साल का समय लगने के कयास लगाए जा रहे थे, किंतु अजय कोठियाल ने अपने युवा साथियों की टीम की मदद से अदम्य जीवटता का परिचय देते हुए मात्र 1 साल में केदारनाथ को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया।
आने वाले लोकसभा चुनाव में यदि वह भाजपा के प्रत्याशी होते हैं तो उन्हें केदारनाथ में किए गए कार्यों का आशीर्वाद भी मिल सकता है। यह सीट सैन्य बाहुल्य है और अजय कोठियाल को इसका फायदा मिल सकता है।
इससे पहले इस सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले सैन्य पृष्ठभूमि के हरक सिंह रावत वर्तमान में भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। यहां से कांग्रेस के टिकट पर पहले भी सांसद रहे सतपाल महाराज भी अब भाजपा सरकार मे कैबिनेट मंत्री हैं।
कई बार दल बदल कर फिर से कांग्रेस में शामिल हो चुके टीपीएस रावत को कांग्रेस ने विधानसभा का टिकट तक नहीं दिया। कांग्रेस के पास वर्तमान में इस सीट पर सैन्य पृष्ठभूमि का कोई मास लीडर नहीं है। इसलिए यह सीट भाजपा के लिए आसान सीट मानी जा रही है।
यह समझा जा रहा है कि कर्नल अजय कोठियाल को भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से इसका संकेत मिल चुका है अथवा वह खुद भी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर राजनीति के मोर्चे पर खुद को आजमा सकते हैं। पिछले दिनों अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यक्रम में अजय कोठियाल ने परिषद की तो जमकर तारीफ की और वामपंथी विचारधारा को उत्तराखंड में आपदा के बाद सबसे बड़ा खतरा बताया। इससे उनके भगवा रुझान को लेकर चर्चाएं शुरु हो गई हैं।
पौड़ी लोकसभा सीट के अंतर्गत चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी तथा टिहरी के देवप्रयाग नरेंद्र नगर ब्लाक जैसे कुछ भाग आते हैं।
वर्तमान में इस सीट से मेजर जनरल अवकाशप्राप्त भुवन चंद्र खंडूरी सांसद हैं। वह पहले ही चुनाव लड़ने के प्रति अनिच्छा जाहिर कर चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी के वयोवृद्ध होने वाले नेताओं को रिटायर करने के फार्मूले से भी उनका टिकट कटना तय माना जा रहा है। हालांकि खंडूड़ी अपनी पुत्री तथा यमकेश्वर सीट से विधायक रितु खंडूरी को भी अपनी राजनीतिक विरासत सौंपने के इच्छुक हैं, किंतु भारतीय जनता पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व अजय कोठियाल पर दांव लगाने के विषय में गंभीरता से विचार कर रहा है।