मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की पत्नी सुनीता रावत ने सुभाष शर्मा के खिलाफ थाना डालनवाला देहरादून में मुकदमा दर्ज कराया है। सोशल मीडिया एक्टिविस्ट सुभाष शर्मा ने मुख्यमंत्री की पत्नी के खिलाफ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी तथा मुख्यमंत्री की पत्नी के शैक्षणिक दस्तावेजों पर सवाल उठाए थे।
यही नहीं सुभाष शर्मा ने मुख्यमंत्री की पत्नी के शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच एसआईटी से कराने के लिए डीआईजी देहरादून को भी एक पत्र सौंपा था और मांग की थी कि 45 शिक्षकों की जांच जिस तरह से एसआईटी कर रही है, उसी तरह से मुख्यमंत्री की पत्नी के दस्तावेजों की जांच की जानी चाहिए।
सुभाष शर्मा ने आरोप लगाया था कि सीएम की पत्नी ने सूचना के अधिकार में भी अपने शैक्षणिक दस्तावेजों को देने से मना कर दिया था।
सुभाष शर्मा के खिलाफ छवि खराब करने तथा अपशब्द कहने की धारा 469, 504 तथा सोशल मीडिया मे लिखने पर 66 आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
इससे 2 सप्ताह पहले सुभाष शर्मा ने प्रेस के माध्यम से मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता रावत के 22 वर्षों से देहरादून में ही डटे रहने का मुद्दा उठाया था।
इसमें सूचना के अधिकार के दस्तावेजों के हवाले से उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री की पत्नी पिछले 22 वर्षों से देहरादून से बाहर स्थानांतरित नहीं की गई है। हालांकि बीजेपी प्रवक्ता मुन्ना सिंह चौहान ने सुनीता रावत की तैनाती को सही ठहराया था।
इधर अपने खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने की सूचना पर सुभाष शर्मा ने कहा कि उन्होंने 18 तारीख को डीआईजी से मुख्यमंत्री की पत्नी के शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच कराने के लिए शिकायत की थी, उसी के काउंटर में यह मुकदमा दर्ज कराया गया है। शर्मा ने कहा कि उनसे मुकदमा वापस लिए जाने के लिए दबाव डाला जा रहा है।