कुलदीप एस राणा
सत्ता के लिए राजनीतिक दलों के गठबंधन होते तो बहुत देखे और सुने होंगे आपने , लेकिन आज हम आपको एक ऐसे गठबंधन के बारे में बताने जा रहे हैं, जो न सत्ता बनाने के लिए है और न प्रदेश को मजबूत बनाने के लिए।
ये एक ऐसा गठबंधन है जिसका उद्देश्य मात्र सत्ता की मलाई खाना है। लोकतंत्र में नौकरशाही और पत्रकार दो ऐसी धाराएं है जो जनता के हितों को सींचने का कार्य करती हैं। किंतु जब ये धाराएं भ्रष्टाचार के मैल से मैली हो जाए तो पूरे क्षेत्र को बंजर भी कर सकती है। सोशलमीडिया पर ऐसी ही दो मैली धाराओं का संगम व्हाटसअप पर भ्रष्टाचार के एक नए धाम के रूप में तेजी से विकसित होता जा रहा है।
इस व्हाटसअप ग्रुप में सूबे में कार्य कर रहे उत्तर प्रदेश व बिहारी मूल के भ्रष्ट नौकरशाह व पत्रकार भी शामिल हैं।
इन दो मैली धाराओं का व्हाटसअप पर संगम करने वाले भगीरथ किसी हिमालय में नही बल्कि उत्तराखंड सचिवालय के पांचवे तल पर ही विराजमान हैं। जो कभी हरीश रावत सरकार में अपनी खास पैठ रखते थे किन्तु त्रिवेंद्र रावत की सरकार में इन दिनों हाशिए पर धकेल दिए गए हैं । आजकल इस भ्रष्ट नौकरशाह के पास कोई खास दमदार महकमे तो है नही।
तो वह फर्स्ट अधिकारियों और पत्रकारों को संगठित करने पर लगा हुआ है जिसके लिए इस नौकरशाह ने व्हाटसअप को माध्यम बनाया , जिसमें नित नए नए भ्रष्ट आदमखोर शामिल होते जा रहे हैं।
इस व्हाटसअप ग्रुप का मूल उद्देश्य राजस्व के महत्वपूर्ण विभागों में गोटियां फिक्स करना है, जिससे सरकारी ठेकों से लेकर खनन एवम आबकारी विभागों में अपनी जड़ें मजबूत कर अपने अपने लोगों को ठेके दिलाने में एक दूसरे की मदद कर मोटा माल बटोरना है ।
अब देखना यह है कि ज़ीरो टोलरेंस की बात करने वाले सूबे के मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार के इस संगम पर क्या रुख अपनाते हैं।