मामचन्द शाह//
गुजरात जामनगर में बाढ़ से बढ़ा रसोई गैस का संकट
गढ़वाल मंडल के सभी जिलों में पिछले 4-5 दिनों से रसोई गैस का भारी संकट खड़ा हो गया है। कई दिन पहले गैस की ऑनलाइन बुकिंग करने के बाद गैस के इंतजार में लोगों का सब्र अब जवाब देने लगा है। इससे देहरादून और हरिद्वार जैसे मैदानी जिलों के लोग सर्वाधिक प्रभावित हैं।
देहरादून में लोग रसोई गैस के लिए एजेंसी के चक्कर लगाते-लगाते थक गए हैं। वहां से उन्हें आश्वासन दिया जा रहा है कि शीघ्र ही आपके घर पर गैस की डिलीवरी हो जाएगी, लेकिन लोग इंतजार करते-करते थक गए हैं। गैस न आने के कारण रसोई गैस के घरेलू ग्राहकों के साथ ही होटल-ढाबे और यहां तक कि स्कूलों में संचालित मिड डे मील बनाने के लिए भी भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कुछ लोग इस समस्या को कांवड़ से भी जोड़कर देख रहे हैं, लेकिन कांवड़ यात्रा के दौरान भी गैस की इतनी किल्लत नहीं रही। ऐसे में लोगों की समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर यह समस्या कैसे उत्पन्न हुई और कब तक खत्म हो पाएगी!
देहरादून, हरिद्वार सहित टिहरी, चमोली, उत्तरकाशी एवं पौड़ी जनपद के लिए गैस की आपूर्ति न होने से हजारों लोगों के साथ समस्या खड़ी हो गई है। इस बीच 4-5 दिन गैस डिलीवरी न होने से वहां भारी बैकलॉग हो गया है। अगर दो-चार दिन में यहां गैस डिलीवरी की व्यवस्था सुचारू नहीं हो पाई तो स्थिति बुरी तरह चरमरा सकती है।
नाम न छापने की शर्त पर आईओसी के एक अधिकारी जानकारी देते हुए बताते हैं कि पिछले 4-5 दिनों से ही रसोई गैस का संकट ज्यादा बढ़ा है। इन दिनों गुजरात जामनगर में बाढ़ आई है। इससे वहां जनजीवन प्रभावित है। यही कारण है कि वहां से बल्क नहीं आ पा रहा है। उन्होंने 3-4 दिन में गैस की किल्लत सामान्य होने की उम्मीद जताई है। हालांकि उन्होंने काशीपुर में पर्याप्त स्टॉक होने की बात कही है।
अब देखना यह होगा कि रसोई गैस जैसे इस बड़े संकट का समाधान आखिर कब तक हो पाता है!