सुमित जोशी
रामनगर(नैनीताल)। सरकार आगामी 7 दिसंबर को गैरसैंण में होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र की तैयारी में जुटी हुई है। सत्र के दौरान स्थायी राजधानी के मुद्दे पर कांग्रेस सरकार को घेरने की तैयारी में है। जिससे गैरसैंण सत्र हंगामेदार होने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। लेकिन स्थायी राजधानी के मुद्दे पर कोई हल निकल पाएगा ये फिलहाल मुश्किल नजर आ रहा है।
मंगलवार को रामनगर विधायक दीवान सिंह बिष्ट के पारिवारिक विवाह समारोह में शामिल होने सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत और विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द्र अग्रवाल रामनगर पहुंचे। सीएम रावत से पत्रकारों ने जब स्थायी राजधानी के विषय पर सवाल पूछा तो वो जवाब देने से बचते दिखे। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल ने कहा कि राज्य के 17 सालों के सफर में स्थायी राजधानी के मुद्दे पर कुछ भी नहीं हुआ है। लेकिन अब शहीदों के सपने और जनता की मांग को देखते हुए समय आ गया है कि गैरसैंण को राजधानी बनाया जाना चाहिए। लेकिन अब ये सरकार के ऊपर निर्भर करता है कि वे किस रूप में इसे बनाती है ये उनका विषय है। मगर सरकार को अपने इसी कार्यालय में राजधानी के विषय पर पूर्णविराम लगाना चाहिए। ग्रीष्मकालीन या स्थायी जिस भी रूप में इसे राजधानी बनाना चाहती है उस पर निर्णय लेकर इतिहास में अपना नाम दर्ज कराए। लेकिन स्थायी राजधानी के विषय पर सीएम की चुप्पी से सरकार की मंशा पर सवाल उठना लाजिमी है कि क्या डबल इंजन वाली भाजपा सरकार में राज्य की राजधानी का मुद्दा सुलझ पाएगा या 17 सालों से गैरसैंण के नाम पर हो रही राजनीति अभी भी बरकरार रहेगी।