जो दिवाली मे नहीं हैं अपनों के पास उन्होंने
छुट्टी नहीं मिलने पर गरीबों के साथ मनाई दिवाली
गिरीश गैरोला/ उत्तरकाशी
दिवाली की खुशी मे घर साफ करने , सजाने संवारने और बाजार मे खरीददारी करते समय उन्हे न भूल जाना जो इस त्योहार पर भी अपनों के बीच अपने घर नहीं जा पाते हैं और उनके बीबी बच्चे अपने पति और पिता की इंतजार मे आंखें बिछाये बैठे रहते हैं और वो हमारी सुरक्षा के लिए ड्यूटि पर तैनात हैं।
उत्तरकाशी जिले में थाना धरासु के इंस्पेक्टर रंवीद्र यादव को उम्मीद थी कि इस बार उन्हे दिवाली के मौके पर अपने घर बीबी बच्चों के साथ दिवाली मनाने का मौका मिलेगा, किन्तु एन वक्त छुट्टी रद्द हो गयी तो बजाय अपनी खीज उतारने के इण्स्पेक्टर यादव ने अपने थाना अंतर्गत गरीब-असहाय लोगों के बीच दिवाली मनाने और खुशिया बांटने का निश्चय किया।
पुलिस के हाथ मे हमेशा डंडा देखकर कांपने वालों ने जब खाकी वर्दी वालों के हाथ से मिठाई का डब्बा मिला तो उनकी आंखों मे चमक देखने लायक थी। मौका दिवाली का था और पुलिस घर घर जाकर तलाश कर रही थी किसी चोर–बदमाश की नहीं बल्कि जरूरत मंदो की- गरीबों और असहाय लोगों की जो आज दिवाली के मौके पर मुंह मीठा न कर सके थे।
अब बात दिवाली की हो, होली की हो या रक्षा बंधन की – हमारी सुरक्षा मे तैनात इन जवानों को समाज कुछ भी कहे किन्तु इनके छोटे-छोटे मासूम बच्चे भी तो उनके कार्यो से बेखबर अपनी माँ से उनके पापा के घर नहीं आने का कारण पूछते होंगे!तो माँ को कई तरह के बहाने बनाकर उन्हे टालना पड़ता होगा।दिवाली और होली के मौकों पर और कड़ी ड्यूटि देने वाले जवानों को बाद मे दी जाने वाली छुट्टी से इसकी भरपाई नहीं की जा सकती। उन्हे उनकी इस कुर्बानी के लिए सम्मानजनक सल्युट ही दिया जा सकता है।जय हिन्द!