पिछले दिनों सरकारी हवाई जहाज से परिवार की यात्रा के कारण विवादों में आए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के ओएसडी उर्बादत्त भट्ट एक बार फिर विवादों में आ गए हैं। 12 अप्रैल को भारतीय जनता पार्टी द्वारा लोकतंत्र बचाओ के नाम पर किए गए उपवास पर वैसे भी प्रश्नचिन्ह लग रहे थे कि जिस दल के पास लोकसभा मेें प्रचंड बहुमत है, राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी सबसे बड़ा दल है। देश के 70 प्रतिशत राज्यों में भाजपा की सरकार है। भाजपा द्वारा बनाए गए लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा के सभापति, उपराष्ट्रपति, राष्ट्रपति, राज्यपाल हर जगह तैनात है। इसके बावजूद यदि भारतीय जनता पार्टी लोकतंत्र के खतरा बता रही है तो यह वास्तव में चुनावी वर्ष में उतरने की राजनीति और विगत चार वर्षों में मोदी सरकार की नाकामी के रूप में देखा गया।
देश के तमाम क्षेत्रों की भांति उत्तराखंड में भी भारतीय जनता पार्टी के लोगों ने उपवास वाले फोटो खिंचवाए। इस बीच मुख्यमंत्री के ओएसडी उर्बादत्त भट्ट ने सोशल मीडिया में स्वयं फोटो शेयर की। जिसमें वे भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ उपवास पर बैठे हुए थे। सरकारी तनख्वाह लेकर भारतीय जनता पार्टी के हित मेें उपवास करने वाले उर्बादत्त भट्ट को लोकतंत्र में क्या खतरा महसूस हुआ, ये तो वही बता सकते हैं, किंतु सरकारी वेेतन पाने वाले ओएसडी का कांग्रेस के खिलाफ उपवास अपने आप में सवाल खड़े करता है।
उर्बादत्त भट्ट जिस वाहन से प्रदेशभर में घूम रहे हैं, वह वाहन सुप्रीमकोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश के बावजूद जिस एंबेसडर वाहन यूके07जीए 0972 से भट्ट घूम रहे हैं, उसके सामने लोहे की वह रॉड लगी है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने लगातार हो रही दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण मानते हुए आदेश दिया कि यदि किसी वाहन पर इस प्रकार लोहे का एंगल लगा हुआ मिले तो उसके खिलाफ एमवी एक्ट के तहत कार्यवाही की जाए। देखना यह है कि अब इन दो नई घटनाओं के बाद ओएसडी उर्बादत्त भट्ट क्या नया गुल खिलाते हैं?