यूं तो अक्सर लोगों ने दुल्हन को डोली से विदा होते देखा है, किंतु इन दिनों उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री की डोली से यमुनोत्री यात्रा की खबर सुर्खियां बनी हुई हैं। भारी भरकम महाराज जब यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में निकले तो कुछ दूर पैदल जाकर महाराज को आभास हुआ कि पैदल यात्रा सेहत के लिए हानिकारक है। आनन-फानन में डोली मंगाई गई और महाराज डोली से रवाना हुए। भारी-भरकम महाराज को ढोते-ढोते डोली वाले भी डोल गए और इस तरह कपाट खुलने के ९० मिनट बाद महाराज यमुनोत्री धाम पहुंच पाए। इस बीच महाराज की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से लेकर सोशल मीडिया में जबर्दस्त खिंचाई होने लगी। महाराज सफाई देते रहे कि वह तो यात्रा मार्ग का हाल जानने के लिए डोली से गए, नहीं तो हैलीकॉप्टर से भी जा सकते थे। महाराज का ये अंदाज उनके समर्थकों को भी रास नहीं आया। समर्थक उम्मीद कर रहे थे कि महाराज डंडी-कंडी वालों को, जिनका घर-बार ही इस डोली से ही वर्षभर चलता है, को स्वरोजगार देने और उन्हें काम देने वाला बयान देकर वाहवाही लूटेंगे, किंतु महाराज चूक गए और डोली यात्रा उल्टी पड़ गई।