नीरज उत्तराखंडी/उत्तरकाशी
पुरोला में बैंकों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन भवन विहीन लोगों के सभी आवेदन अनेक आपत्तियां लगाकर बैरंग लौटा दिए हैं, जिन्होंने 6 लाख ऋण के लिए आवेदन किया था।
अब प्रश्न यह उठता है कि क्या उन सभी आवेदकों में कोई एक भी पात्रता नहीं रखता था या फिर बैंकों ने जानबूझकर इस प्रकार के कड़े मानक बना रखे हैं कि किसी को भी लाभ न मिल सके। अगर बैंकों का यही रवैया रहा तो शायद ही किसी गरीब एवं जरूरतमंद व्यक्ति को प्रधानमंत्री जी की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ मिल सकेगा!
पुरोला नगर के समस्त आवेदकों में रोष व्याप्त है। उनका कहना है कि वे अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। सोचा था कि इस योजना का उन्हें लाभ मिलेगा और वे अपने लिए एक छोटा सा घर बना सकेंगे, लेकिन इन तमाम शर्तों से सारे सपने टूट चुके हैं।
उनका यह भी कहना है कि क्या यह योजना केवल सरकार की कोरी घोषणायें हैं या बैंकों और सरकार की कोई मिलीभगत है और गरीब जनता की भावनाओं के साथ कोई भद्दा मजाक है।
पुरोला नगर के आवेदकों में देवी प्रसाद, दौलतराम बडोनी, नीरज गुप्ता, राखी, रीना, मनोज, मीना देवी आदि दर्जनों लोग शामिल हैं।