भूपेंद्र कुमार
मसूरी जा रहे हो तो लुटने से ऐसे बचें!वकीलों को भी नही बख्शा !!
पहाड़ों की रानी मसूरी के आगोश में नए-नए शादी-शुदा जोड़े हनीमून मनाने के लिए देशभर से आते हैं। अब यह आसपास के शहरों के लिए लोकप्रिय वीकेंड डेस्टिनेशन भी बन गया है।
नगर पालिका मसूरी इन यात्रियों को लूटने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ती। सभी जगह अव्यवस्था और ट्रैफिक जाम का झंझट अलग से है।
पार्किंग ठेकेदारों का दुर्व्यवहार नीम पर करेला साबित होता है। नगर पालिका मसूरी ने अलग-अलग जगहों पर कार पार्किंग की व्यवस्था बना रखी है। इसके लिए नगर पालिका के कर्मचारियों से मिलीभगत करके ठेकेदार ने पार्किंग शुल्क के लिए एक ऐसी रसीद बुक जानबूझकर ऐसी छपवाई है, जिसमें यह साफ नहीं है कि छोटी गाड़ियों जैसे कार आदि के लिए क्या पार्किंग शुल्क होगा और बस आदि के लिए क्या पार्किंग शुल्क तय है।
जाहिर है कि पार्किंग ठेकेदार ने यह सरकारी रसीद कूट रचना करके जालसाजी से छपवाई है। तथा पार्किंग के नाम पर सरकार को जमकर चुना तो लगा ही रहा है, साथ ही अवैध वसूली करके पर्यटकों के बीच उत्तराखंड की छवि भी खराब कर रहा है। नतीजतन पार्किंग ठेकेदार कार और बस दोनों के लिए 100 रुपए वसूल रहे हैं। उदाहरण के तौर पर देहरादून के वरिष्ठ अधिवक्ता रंजन सोलंकी की UK 07 1752 नंबर की कार से बैकरी हिल स्थित कार पार्किंग के ठेकेदार ने 100 रुपए वसूल लिए। श्री सोलंकी 1 दिसंबर को मसूरी गए थे। जब स्थानीय वकीलों के साथ यह व्यवहार है तो आम पर्यटक की हालत समझी जा सकती है।
नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी से जब इस संबंध में बात की गई तो उनका कहना था कि कार आदि के लिए ₹50 का पार्किंग शुल्क तय है,जबकि बस से 100 रुपए लिए जाते हैं। यह पार्किंग शुल्क सुबह 10:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक अर्थात पूरे दिन भर के लिए तय है।
अधिशासी अधिकारी एमएल शाह ने कहा कि वह जल्दी ही अलग- अलग गाड़ियों के लिए अलग-अलग पार्किंग शुल्क तय किए जाने का दिशानिर्देश होल्डिंग आदि के माध्यम से पार्किंग स्थलों पर लगा देंगे। साथ ही उन्होंने इस संबंध में पार्किंग ठेकेदार का भी जवाब तलब करने की बात कही है।