उत्तराखंड में सत्ता बदलते ही देहरादून स्मार्ट सिटी के लिए चयनित हो गया। केंद्र में भाजपा की सरकार होने के चलते तथा उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार के कारण यह शहर दोनों पार्टियों के अंतर्विरोधों में फंसकर रह गया था।
देहरादून को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए एमडीडीए के पूर्व उपाध्यक्ष मीनाक्षी सुंदरम ने अपनी पूरी ताकत स्मार्ट सिटी के लिए देहरादून की रैंकिंग सुधारने में झोंक दी थी, किंतु केंद्र और राज्य में अलग-अलग दलों की सरकार होने के कारण देश के अन्य शहर कमतर प्रदर्शन के बावजूद स्मार्ट सिटी के लिए चुन लिए गए, किंतु देहरादून के नागरिकों के बेहतरीन सहयोग और प्रशासन की पूरी ताकत लगाने के बावजूद देहरादून हर बार स्मार्ट सिटी में चयनित होने से चूक गया था। पहले चरण में देहरादून शहर ३४ अंकों के साथ ९८ शहरों में से सबसे आखिरी पायदान पर रहा तो दूसरे चरण में देहरादून को ५४ अंक तो मिले, लेकिन दून लगातार दूसरे और तीसरे चरण में पिछड़ गया था। राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद सौ दिन से भी कम समय में एमडीडीए में तीन उपाध्यक्ष रह चुके हैं।
भाजपा के सत्ता संभालने के बाद कुछ समय तक मीनाक्षी सुंदरम एमडीडीए के उपाध्यक्ष रहे। उसके बाद वी. षणमुगम को एमडीडीए का उपाध्यक्ष बनाया गया, किंतु दो माह में ही उन्हें हटा दिया गया। चंद रोज पहले ही विनय शंकर पांडे को उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है।
अब ऐसे समय में कि जब सरकार और प्रशासन की कोई तैयारी नहीं थी तो बिना कुछ किए ही देहरादून स्मार्ट सिटी के लिए चयनित हो गया। इसके सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
गौरतलब है कि स्मार्ट सिटी के इस प्रस्ताव को ३१ मार्च २०१७ को ही भेज दिया गया था। इसमें नई सरकार ने अपनी ओर से कुछ भी नहीं किया है। तब सरकार बने हुए १५ दिन भी नहीं हुए थे और सरकार अभिनंदन समारोहों में ही व्यस्त थी।
बहरहाल, जो भी हो सरकार इस उपलब्धि को अपने सौ दिन के आंकड़ों में तो जरूर भुनाने जा रही है। यह भी सच है कि यदि राज्य में भाजपा की सरकार नहीं बनती तो देहरादून के लिए अभी स्मार्ट सिटी का सपना बहुत दूर की कौड़ी था।
दिनांक 23-6-2017 को भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय द्वारा स्मार्ट सिटी प्रोग्राम के अन्र्तगत तृतीय चरण में 30 शहरों को चयनित घोषित किया गया है जिसमें देहरादून शहर को भी 16 वें स्थान पर चयनित घोषित किया गया है।
उत्तराखण्ड सरकार द्वारा प्रस्तावित स्मार्ट सिटी देहरादून हेतु निम्नानुसार प्राविधान किए गए हैं:-
1-उक्त परियोजना को दिनांक 31-3-2017 को भारत सरकार को प्रस्तुत गया था जिसमें पूर्व में प्रेषित प्रस्ताव पर भारत सरकार द्वारा कोई टिप्पणी प्राप्त न होने के कारण पुराने प्रस्ताव के प्रस्तुतीकरण में सुधार करते हुए प्रस्तुत किया गया था।
2-परियोजना हेतु लिया गया कुल क्षेत्रफल-354 हैक्टेअर (875 एकड) है जिसमें आराघर चैके से ई0सी0 रोड होते हुए करनपुर बाजार, डी0बी0एस0 चैक से नैनी बेकरी से बहल चैक से राजपुर रोड, घण्टाघर, चकराता रोड स्थित बिन्दाल पुल, बिन्दाल नदी के साथ-साथ इसके बांये ओर के क्षेत्र को सम्मिलित करते हुए कांवली रोड स्थित बिन्दाल पुल से कांवली रोड होते हुए सहारनपुर चैक, प्रिन्स चैक से हरिद्वार रोड से होते हुए पुनः आराघर चैक के बीच का क्षेत्र इसमें सम्मिलित है। उक्त क्षेत्र में नगर निगम के आंशिक अथवा पूर्ण रूपेण से वार्ड नम्बर- 11,12,15,17,18,19,20,21,23, एवं 24 इस प्रकार कुल दस वार्ड सम्मिलित है।
स्मार्ट सिटी प्रस्ताव में दो तरह की परियोजनाओं को सम्मिलित किया गया है:-
1-क्षेत्र आधाारित विकास (Area Based Development)
2-पैन सिटी परियोजना
प्रस्तावित परियोजनायें ;एरिया बेस्ड डेवलपमेंट –
– पल्टन बाजार में आने वाले आमजन हेतु खुली सडके तथा पैदल चलने की सुविधा।
– शहर के मुख्य पांच चैराहों का सौन्दर्यीकरण व चैडीकरण कार्य।
– गांधी पार्क को पुनर्विकसित करते हुये सौन्दर्यीकरण कार्य।
– वर्तमान नगर निगम कार्यालय को ग्रीन बिल्डिंग के रूप मे परिवर्तित किये जाने का कार्य।
– बायो टाॅयलेट्स तथा वाट्र ए0टी0एम0 स्थापित किये जाने का कार्य।
– एस्लेहाॅल क्षेत्र में विरासत का संरक्षण करते हुये फसाड इम्प्रुवमेंट का कार्य।
– डी0ए0वी0 व डी0बी0एस0 काॅलेज क्षेत्र को पुनर्विकसित करते हुये सडक चैडीकरण का कार्य।
– घण्टाघर स्थित काम्ॅपलेक्स में बच्चों व आम नागरिकों हेतु ‘माॅडल थीम पार्क‘ विकसित किये जाने का कार्य।
– पूर्व तहसील परिसर में मल्टी लेवल कार पार्किग विकसित किये जाने का कार्य।
– ई0सी0 रोड को स्मार्ट माॅडल रोड के रूप में विकसित किये जाने का कार्य।
पैन सिटी परियोजनाएं –
– शहर हेतु कमाण्ड एवं कंट्रोल सेण्टर
– देहरादून के नागरिकों हेतु देहरादून वन-एप
– इंटैलीजेण्ट पोल
– सिटीजन आॅउटरिच प्रोग्राम
– जन-सामान्य तक स्वास्थ्य लाभ पहुॅचाने हेतु स्मार्ट एम्बूलेंस हेल्थकेयर सोल्यूशन
वित्तीय योजना (Financial Plan)
स्मार्ट सिटी फण्ड- रू0-1000 करोड
कन्वर्जैन्स से रू0-236 करोड
पी0पी0पी0 परियोजना रू0-171.5 करोड
कुल स्मार्ट सिटी लागत- रू0-1407.5 करोड